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लखीमपुर खीरी: कानपुर प्राणी उद्यान की एक टीम आदमखोर बाघ को ट्रैक्यूलाइज करने के लिए इमलिया गांव पहुंची है. यह बाघ 27 अगस्त को किसान अमरीश कुमार पर हमला कर चुका है, जिससे उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत फैल गई है. वन विभाग लगातार बाघ को पकड़ने का प्रयास कर रहा है, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है क्योंकि बाघ अपनी लोकेशन बार-बार बदल रहा है.

बाघ की गतिविधियों पर नजर
महेशपुर रेंज के आसपास के गांवों में बाघ की गतिविधियों की जानकारी मिली है, जहां जमालपुर गांव के पास उसके पैरों के निशान मिले हैं. वन कर्मियों ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. कानपुर प्राणि उद्यान के डॉक्टरों की टीम बाघ को बेहोश करने के लिए मौके पर पहुंची है, जबकि दुधवा नेशनल पार्क की टीम भी बाघ को ट्रैक करने में जुटी हुई है.

ग्रामीणों में भय का माहौल
बाघ अब तक वन विभाग की पकड़ में नहीं आया है और करीब 40 गांवों में दहशत का पर्याय बन गया है. विभाग ने 24 कैमरे, चार पिंजरे और ड्रोन से निगरानी की कोशिश की, लेकिन ये प्रयास अब तक सफल नहीं हुए हैं. बाघ का फोटो कैमरे में कैद हो रहा है, लेकिन वह पिंजरे में नहीं फंस रहा है. वन विभाग की टीम ने अजान, इमलिया, घरथनियां, हैदराबाद, खरगापुर, बघमरा, मूड़ा, काजरकोरी और जमालपुर में पैदल गश्त की है.

ग्रामीणों का खेतों में जाना मुश्किल
बाघ के खौफ से ग्रामीण अपने खेतों की ओर नहीं जा पा रहे हैं. 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी बाघ पिंजरे के समीप से गुजर जाता है लेकिन कैद नहीं हो पा रहा है. इस स्थिति ने ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित किया है और वे अपनी फसलें सुरक्षित रखने के लिए चिंतित हैं

Tags: Lakhimpur Kheri, Local18, Special Project, UP news

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