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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में किसानों के सामने अगर खाद की समस्या आती है तो इसके लिए कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों में इलीगल रूप से हो रही खाद तस्करी जिम्मेदार होती है. खासकर उन जिलों में जो अन्य राज्यों से सटे हुए होते हैं. प्रयागराज के किसानों को खाद की किल्लत नहीं हो पाएगी. इसको लेकर कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी के द्वारा एक्शन लेते हुए प्रयागराज से मध्य प्रदेश की तरफ होने वाली खाद की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कड़ा एक्शन लिया गया. यूपी से मध्य प्रदेश की खाद्य दाम सस्ते होने की वजह से उत्तर प्रदेश से लगातार खाद तस्करी की सूचनाएं आती रहती हैं.

प्रयागराज जनपद मध्य प्रदेश के रीवा जिले से सटा हुआ है. ऐसे में प्रयागराज के खाद्य विक्रेताओं के द्वारा इलीगल रूप से खाद को मध्य प्रदेश के जिलों में भेजने का काम किया जाता है. जिसके चलते प्रयागराज जिले में खाद की समस्या भी उत्पन्न होने की संभावना रहती है. इसी को लेकर जिला कृषि अधिकारी प्रयागराज केके सिंह ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह तीन तरीकों से हो रही खाद की तस्करी को रोकेंगे. जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में डायवर्सन स्टोर से रिटेलर तक पहुंच रहे खाद की इनवॉइस के माध्यम से वेरीफाई करना एवं चेक पोस्ट पर पुलिस बल के साथ अपने कर्मचारियों के माध्यम से दूसरे राज्य में हो रही खाद तस्करी पर अंकुश लगाने का काम करेंगे.

प्रयागराज में खाद बनाने की फैक्ट्री
उत्तर प्रदेश के मात्र दो ही जगह पर खाद बनाने की कंपनी मौजूद है जिसमें एक आंवला बरेली में है तो दूसरा फूलपुर प्रयागराज में है. वही प्रयागराज से रीवा के सटा होने से खाद्य तस्करी की संभावनाएं बनी रहती हैं क्योंकि मध्य प्रदेश में मिलने वाली खाद यूरिया एवं डीएपी उत्तर प्रदेश के खाद्य से लगभग 200 से ₹300 तक महंगा है. लाभ कमाने के चलते प्रयागराज से इलीगल तरीके से मध्य प्रदेश में खाद भेजे जाने की गुंजाइश भरी रहती है. अगर इस तरह की तस्करी वाली गतिविधियों पर जिला कृषि विभाग की ओर से लगाम लग जाता है तो प्रयागराज में खाद की किल्लत कभी नहीं होगी.

FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 14:07 IST

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