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-मंडलायुक्त की संस्तुति होने के बाद शासन को भेजा जाएगा ड्रॉफ्ट
-नया मास्टर प्लान लागू होने के बाद नक्शा स्वीकृति करने से 600 करोड़ रुपए की होगी जीडीए को आय

गाजियाबाद। महायोजना-2031 मास्टर प्लान को मेरठ मंडल की मंडलायुक्त से मंजूरी मिलने के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने लखनऊ शासकीय समिति को भेजने की तैयारी तेज कर दी है। जीडीए के नियोजन अनुभाग द्वारा मास्टर प्लान-2031 में किए गए कुछ संशोधन का काम तेजी से कराया जा रहा हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही इस मास्टर प्लान-2031 को पहले मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. को भेजा जाएगा। उनकी संस्तुति होने के बाद फिर इसे शासन को भेजा जाएगा। दरअसल, मेरठ में बीते 6 सितंबर को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में हुई जीडीए की 166वीं बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान-2031 को मंजूरी दे दी गई थी। इसमें कुछ संशोधन किए जाने हैं। मंडलायुक्त ने इसमें संशोधन करने के निर्देश दिए थे।

वह संशोधन पूरा करने के बाद इसे मंडलायुक्त के पास भेजा जाएगा। उनकी संस्तुति होने के बाद फिर इसे लखनऊ में शासकीय समिति के समक्ष भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसका प्रेजेंटेशन होगा। यह समिति देखेगी कि मानकों के अनुरूप मास्टर प्लान में आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, ग्रीन बेल्ट भू-उपयोग का प्रावधान किया गया है या नहीं। इसके अलावा मास्टर प्लान में आने वाले 10 वर्ष में बढऩे वाली आबादी के अनुरूप विकास का खाका खींचा गया है या नहीं। उसके बाद इस पर संस्तुति होने पर इसे जिले में लागू कर दिया जाएगा।

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि मास्टर प्लान-2031 में कुछ सुझाव व संशोधन किए जाने थे, वह नियोजन अनुभाग द्वारा पूरे कर लिए गए हैं। जल्द ही मास्टर प्लान-2031 को मंडलायुक्त के समक्ष ड्रॉफ्ट भेजा जाएगा। उनकी संस्तुति होने के बाद फिर इसे लखनऊ में शासकीय समिति के समक्ष भेजा जाएगा। खास बात यह है कि नया मास्टर प्लान लागू होने के बाद जीडीए को भी नक्शा स्वीकृति करने से करीब 600 करोड़ रुपए की आय हो सकेगी। मास्टर प्लान-2031 के लागू होने से गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी क्षेत्र में करीब 130 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर उसे विकसित किया जा सकेगा। इस कृषि भू-उपयोग को बदलकर आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक किया जाएगा, ताकि जीडीए क्षेत्र का विस्तार हो सके और यहां वेयरहाउस, लॉजिस्टिक पार्क, ट्रांसपोर्टनगर आदि योजनाएं लाई जा सकेंगी।

इसमें मुख्य रूप से मेट्रो रेड व ब्लू लाइन के किनारे ट्रांजिट ओरिऐंटेंड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन घोषित करते हुए उसे मास्टर प्लान-2031 में शामिल कर दिया गया। मेट्रो ट्रेन कॉरिडोर के दोनों ओर टीओडी जोन की सुविधा मिल सकेगी। इन रूट के दोनों ओर 500-500 मीटर तक मिश्रित भू-उपयोग करते हुए पांच फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) दिया जा सकेगा। एक भूखंड पर आवासीय व व्यवसायिक गतिविधियां हो सकेंगी। साथ ही अन्य संशोधन भी किए गए हैं। नया मास्टर प्लान लागू के बाद आगामी 10 वर्ष के दौरान विस्तार हुए जीडीए क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। नए मास्टर प्लान में गाजियाबाद, डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर, मुरादनगर में 60 हेक्टेयर, लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने को शामिल किया गया है। ताकि जिले का सुनियोजित तरीके से विकास किया जा सके। इसमें हर संपत्तियों, घर, दुकान आदि को एक यूनिक आईडी मिलेगी। यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म होगा।

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