अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने ग्रीनपार्क स्टेडियम की तैयारियों पर स्टोरी पब्लिश की है, जो चिंताजनक है. इसके मुताबिक स्टेडियम का एक स्टैंड खराब स्थिति में है. पीडब्ल्यूडी ने स्टैंड के बालकनी सी को लेकर चिंता जताई है, जो निर्धारित क्षमता के बराबर वजन नहीं सह सकता. इसलिए बालकनी सी के आधे टिकट ही बेचे जाने की अनुमति दी गई है.
यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने अखबार को बताया कि इस स्टैंड की दर्शक क्षमता 4800 है, लेकिन टिकट 1700 ही बेचे जाएंगे. इस अखबार ने पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर के हवाले से जो छापा, वह इससे भी खतरनाक स्थिति है. इंजीनियर ने कहा, ‘यदि ऋषभ पंत के छक्के पर लोगों ने उछलना या नाचना शुरू कर दिया तो यह 50 दर्शकों का वजन भी नहीं सह पाएगा.’
लेकिन सिर्फ एक स्टैंड की बात नहीं है. यदि स्टैंड दर्शकों का वजन संभालने लायक नहीं हैं, तो फ्लडलाइट्स खराब रोशनी में फेल हो सकते हैं. वीआईपी पैवेलियन के करीब फ्लडलाइट्स के 8 बल्ब खराब हैं. यानी अगर रोशनी की वजह से खेल रुकता है तो फ्लडलाइट्स से शायद ही कोई मददद मिले.
बता दें कि कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम की देखरेख यूपी सरकार के अंतर्गत आता है. ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम की तरह बीसीसीआई का इससे कोई लेना-देना नहीं है. क्रिकेटप्रेमी भूले नहीं होंगे जब ग्रेटर नोएडा के इस स्टेडियम की वजह से भारत को शर्मसार होना पड़ा था. इस स्टेडियम में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद्द हो गया था. खास बात यह कि मैच के पहले दिन को छोड़ दें तो बारिश भी ज्यादा नहीं हुई थी. लेकिन मैदान से पानी निकलने और उसे सुखाने के इतने खराब इंतजाम थे कि 5 दिन तक यह गीला ही रहा.
Tags: BCCI Cricket, India vs Bangladesh, Team india
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