सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
राजधानी के अलीपुर से नजफगढ़ होते हुए एयरपोर्ट तक का सफर अगले साल 20 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा। निर्माणाधीन अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर)-2 का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। 75 किलोमीटर लंबाई की इस रोड का निर्माण कार्य पांच पैकेज में किया जा रहा है। इसमें चार पैकेज का निर्माण कार्य 90 फीसदी से अधिक पूरा कर लिया गया है, जबकि एक पैकेज का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। अधिकारियों का दावा है कि अगले साल यह पूरी तरह से जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा। इसके शुरू हो जाने के बाद दिल्ली में रोजाना ढाई लाख के करीब वाहनों का दबाव कम होगा।
अलीपुर के पास दिल्ली पानीपत हाईवे से शुरू हो रहे यूईआर-2 रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका से होते हुए महिपालपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर समाप्त होगा। इसके तीन पैकेज की लंबाई 38 किलोमीटर है। इसमें पहला पैकेज एनएच-1 दिल्ली पानीपत हाईवे इंटरसेक्शन से कराला-कंझावला रोड तक (15.70 किलोमीटर), दूसरा पैकेज कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड (13.45 किलोमीटर), तीसरा पैकेज नांगलोई-नजफगढ़ रोड़ से द्वारका सेक्टर-24 (9.66 किलोमीटर) का है।
वहीं, 37.29 किलोमीटर लंबाई की दो सड़क का भी निर्माण कार्य जा रहा है। इसमें बवाना इंडस्ट्रियल एरिया से बरवासनी बाईपास सोनीपत (29.60 किलोमीटर) और ढिचाऊ कलां से बहादुरगढ़ बाईपास (7.2 किलोमीटर) हैं। इन दोनों सड़कों के जरिये सोनीपत और बहादुरगढ़ से वाहन बिना किसी बाधा के एयरपोर्ट और गुरुग्राम की तरफ जा सकेंगे।
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि पैकेज एक, तीन, चार और पांच का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। जबकि पैकेज दो पैकेज कराला-कंझावला रोड से नांगलोई-नजफगढ़ रोड (13.45 किलोमीटर) का निर्माण कार्य थोड़ी धीमी गति से चल रहा है। यहां पर निर्माण कार्य के दौरान कुछ तकनीकी जटिलताएं हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस पैकेज को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
27 फ्लाईओवर और 11 अंडरपास होंगे
करीब आठ हजार करोड़ की लागत की में तैयार तैयार की जा रही यूईआर-2 में 27 फ्लाईओवर, दो आरओबी, 11 अंडरपास, 27 छोटे और बड़े ब्रिज, 17 सबवे, 31 बस बाय और 111 किलोमीटर की सर्विस रोड शामिल है। इस परियोजना को दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के नाम से भी जाना जाता है। सड़क सुरक्षा और सुधार के लिए काम करने वाली संस्था गुरू हनुमान सोसाइटी ऑफ भारत के राष्ट्रीय महासचिव अतुल रणजीत कुमार का कहना है कि इस रोड के शुरू होने से दिल्ली के अंदर सड़कों पर वाहनों का पड़ने वाला दबाव काफी कम होगा। मालवाहक वाहनों को दिल्ली की भीतरी सड़कों पर नहीं आना पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रित होगा साथ ही समय और ईंधन की भी बचत होगी। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहन जिन्हें एयरपोर्ट, गुरुग्राम, जयपुर की तरफ जाना है। उन्हें सिग्नल फ्री सफर मिलेगा।
सर्विलांस सिस्टम से किया जाएगा लैस
यूईआर-2 आधुनिक सर्विलांस सिस्टम से लैस किया जाएगा। जिससे हर वाहन को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। नियम तोड़ने वाले वाहनों का तत्काल चालान काटेगा। इसके लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) लगाया जाएगा, जो दोपहिया वाहन की जानकारी भी आसानी से निकलने में मदद करेगा। इसके लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एनएपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे।
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