नई दिल्ली. भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों के बीच हमेशा रोमांचक भिड़ंत हुई है. खेल के मैदान में दो दिग्गज टीमें जब आपस में टकराती हैं, तो दर्शकों के दिलों में उत्साह की लहर दौड़ जाती है. सौरव गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतकर ही टी-शर्ट लहराई थी. ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है साल 2011 के इंग्लैंड टूर से, जब भारतीय टीम इंग्लैंड में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट – टेस्ट, वनडे और टी20 खेलने के लिए वहां पहुंची थी. उस वक्त इंग्लैंड की टीम हर फॉर्मेट में भारत पर भारी पड़ी थी, लेकिन एक भारतीय खिलाड़ी था जिसने अपने एकमात्र टी20 इंटरनेशनल मैच में कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसे आज भी क्रिकेट के फैन याद करते हैं. वो कोई और नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट की ‘दीवार’ राहुल द्रविड़ थे.
राहुल द्रविड़ का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के मन में धैर्य और समझदारी से खेलने वाले बल्लेबाज की छवि उभरती है, जो टेस्ट क्रिकेट में अपनी टीम का एक छोर संभालकर खड़े रहने के लिए मशहूर थे. लेकिन, जब उन्हें भारत के इंग्लैंड टूर में टी20 मैच के लिए टीम में शामिल किया गया, तो लोगों की भौहें चढ़ गईं. आखिरकार, टी20 जैसे तेज़ फॉर्मेट में एक ऐसे खिलाड़ी को लेना, जिसे धीमे खेलने का मास्टर माना जाता था, कितना सही था?
राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट और 344 वनडे खेले थे, लेकिन टी20 में उन्होंने कभी खुद को आजमाया नहीं था. परन्तु, 31 अगस्त 2011 को जब भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टी20 मैच खेला, तो द्रविड़ को न केवल टीम के लिए खेलना था, बल्कि अपनी आलोचनाओं का जवाब भी देना था. और उन्होंने वही किया, जो वे हमेशा करते आए थे- बल्ले से अपनी कहानी लिखना.
मैदान में गूंजा राहुल-राहुल
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को एक अच्छा टारगेट देने की कोशिश की. ओपनिंग जोड़ी में पार्थिव पटेल और अजिंक्य रहाणे मैदान पर उतरे, लेकिन पार्थिव जल्दी ही 10 रन बनाकर आउट हो गए. फिर आई ‘दीवार’ की बारी. राहुल द्रविड़ तीसरे नंबर पर खेलने उतरे. मैदान में आते ही जैसे सन्नाटा छा गया, सबके दिलों में एक ही सवाल था – क्या द्रविड़ इस फॉर्मेट में फिट हो पाएंगे?
समित पटेल 11वां ओवर डालने के लिए आए और उन्हें नहीं पता था कि वे राहुल द्रविड़ के बल्ले का कहर झेलने वाले हैं. 11वें ओवर की चौथी गेंद पर द्रविड़ ने पहला बड़ा शॉट खेला – एक बेहतरीन छक्का! पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा. उसके बाद अगली ही गेंद पर एक और छक्का, और फिर ओवर की आखिरी गेंद पर भी वही नजारा. लगातार तीन छक्के! राहुल द्रविड़ के बल्ले से निकले ये शॉट्स देखकर स्टेडियम में मौजूद दर्शक ‘राहुल-राहुल’ के नारे लगाने लगे. मैदान में हर कोई हैरान था, एक टेस्ट क्रिकेटर से इस तरह के शॉट्स की उम्मीद शायद ही किसी ने की थी.
पारी की शानदार कहानी
हालांकि, जल्द ही राहुल द्रविड़ का विकेट गिर गया, लेकिन तब तक वे 21 गेंदों में 31 रन बना चुके थे. इस छोटी-सी पारी में उनका स्ट्राइक रेट 147.61 रहा, और तीन यादगार छक्के भी उनके नाम दर्ज हो गए. यह उनके करियर का इकलौता टी20 इंटरनेशनल मैच था.
इस मैच में भारत ने 165 रन बनाए, जो एक अच्छा टारगेट था. इंग्लैंड को जीतने के लिए 166 रनों की जरूरत थी, और टीम इंडिया को भरोसा था कि वे इस लक्ष्य का बचाव कर लेंगे. लेकिन क्रिकेट का खेल अनिश्चितताओं से भरा होता है. इंग्लैंड के बल्लेबाज इयॉन मॉर्गन ने 27 गेंदों में 49 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली और भारत के हाथ से जीत छीन ली. इंग्लैंड ने 4 विकेट खोकर 20वें ओवर में लक्ष्य को हासिल कर लिया.
इस मैच में भारत की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी कर रहे थे, लेकिन इस मैच के बाद चर्चा का केंद्र बिंदु रहे राहुल द्रविड़. भले ही भारत यह मैच हार गया, लेकिन राहुल द्रविड़ की वह छोटी लेकिन शानदार पारी आज भी याद की जाती है. इस मैच ने यह साबित कर दिया कि राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपना 100 फीसदी दिया. राहुल द्रविड़ का यह इकलौता टी20 मैच एक ऐसा किस्सा है, जिसे क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल सकते. उनके बैक-टू-बैक तीन लगातार छक्के आज भी भारतीय क्रिकेट फैंस के दिलों में ताजा हैं.
Tags: Cricket news, Cricket Records, Rahul Dravid, T20 cricket
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 18:14 IST
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