पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है
– फोटो : अमर उजाला
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नरेला में बेटी की शादी से इन्कार करने पर बदमाशों ने 18 सितंबर, 1993 को शंभू दयाल नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। एक-एक कर तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया था, लेकिन एक आरोपी 31 साल तक पुलिस को चकमा देता रहा। जानकारी जुटाने पर आखिर अब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उसको पकड़ लिया। आरोपी की पहचान गांव भिदौरा, बांदा, यूपी निवासी दयाराम (60) के रूप में हुई है।
आरोपी कानपुर में छिपकर राजमिस्त्री का काम कर रहा था। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि वह टीबी के इलाज के लिए दिल्ली-महरौली स्थित अस्पताल आता है। यहां करीब 15 दिन ट्रैप लगाने के बाद उसे दबोच लिया गया। इस मामले में पुलिस ने बाबू लाल को हत्या के फौरन बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, हत्या के बाद मुन्नी लाल, इसका भाई दयाराम और मुन्नी लाल का बेटा प्रेम नारायण फरार हो गए थे। अदालत ने तीनों को भगोड़ा भी घोषित कर दिया था। वर्ष 2013 में पहले मुन्नी लाल को पकड़ा गया। इसके बाद जुलाई 2024 में प्रेम और अब उसके चाचा दयाराम को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
यह था मामला
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि 18 सितंबर, 1993 को नरेला निवासी बाबू लाल की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उसने बताया कि उसके गांव के रहने वाले एक अन्य बाबू लाल, मुन्नी लाल और प्रेम नारायण ने उसके पिता शंभू दयाल से बहन सोमवती का रिश्ता मांगा था। बाबू लाल और मुन्नी लाल अपने भतीजे से बहन की शादी कराना चाहते थे। मना करने पर आरोपियों ने उसके पिता की हत्या कर दी थी। आरोपियों की तलाश के लिए इंस्पेक्टर मनमीत मलिक, एसआई विकास सोलंकी व अन्यों की टीम का गठन किया गया। पहले फरार प्रेम नारायण को पकड़ा गया। अब काफी मशक्कत के बाद दयाराम को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वह इलाज के लिए दिल्ली आया था।
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