Image Slider

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar

Updated Sun, 15 Sep 2024 07:05 PM IST

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे देने के निर्णय से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के अंदेशे को भी विराम दे दिया है। इससे विपक्ष की जो रणनीति थी वह धड़ाम हो गई है। दरअसल छह महीने में विधान सभा सत्र बुलाने की मजबूरी सरकार की थी। 



अरविंद केजरीवाल
– फोटो : अमर उजाला

Trending Videos



विस्तार


अरविंद केजरीवाल ही नहीं पूरी आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बैक फुट पर दिखाई दे रही थी। विपक्ष भी लगातार इसी मुद्दे, खासकर कथित शराब घोटाला पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा था। इससे केजरीवाल की छवि भी खराब हो रही थी। भ्रष्टाचार के आरोपों से बिगड़ी छवि को बेहतर करने के लिए केजरीवाल ने इस्तीफे का सियासी पासा फेंक विपक्ष के मुद्दे को चारों खाने चित कर दिया है। मतदाताओं के बीच भी स्पष्ट संदेश दिया है कि वह तब तक इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जबतक जनता उन्हें बेदाग छवि के साथ फिर से बहुमत देकर मुख्यमंत्री नहीं बनाती है।

Trending Videos

Social Media Links

Follow Us on Social Media

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||