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गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये के एफडी फ्रॉड मामले में जून 2023 से फरार चल रहे मास्टरमाइंड व मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी मन्नू भोला और साथी त्रिदिब दास को शनिवार को पुलिस ने दिल्ली के होटल से गिरफ्तार कर लिया। पांच आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। एक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई हैं। डीसीपी नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने भोला पर 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।

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डीसीपी नोएडा ने प्रेसवार्ता में बताया कि पुलिस ने सबसे पहले अब्दुल खादर को पकड़ा था। बैंक ऑफ इंडिया में प्राधिकरण के खाते को अब्दुल हैंडल कर रहा था। अब्दुल ने राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू के बारे में जानकारी दी। इन चारों को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया गया था। कई आरोपी जमानत पर जेल से बाहर भी आ गए थे। भोला और दास फरार थे। 

पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि अन्य साथियों के साथ उन्होंने 200 करोड रुपये की जाली एफडी बैंक ऑफ इंडिया की सेक्टर-62 शाखा के नाम से बनवाई। इसी जाली एफडी को वह बैंक कर्मचारी बनकर नोएडा प्राधिकरण में दे आए।

भोला का मकसद 200 करोड़ रुपये को आपस में बांटकर ऐश करना था। सबसे पहले तीन अलग-अलग खातों में 3.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए गए। इसके बाद 9 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का आवेदन दिया गया, लेकिन बैंक शाखा के अधिकारियों को शक हो गया। रकम ट्रांसफर होने से पहले ही अब्दुल पकड़ा गया। इसके बाद मामले का खुलासा हो गया।

मनोज कुमार ने बीते साल चार जुलाई को सेक्टर-58 थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि नोएडा प्राधिकरण ने बैंक खातों में जमा धनराशि पर अधिकतम ब्याज लेने के लिए बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 को 200 करोड़ की एफडी के लिए चुना है। 21 जून 2023 को बैंक खाता संचालन के लिए प्राधिकरण ने बैंक को पत्र भेजा। बैंक ने 23 जून 2023 को पत्र और ई-मेल के द्वारा बैंक खाता खोले जाने की पुष्टि की। इसके बाद प्राधिकरण ने 100-100 करोड़ की धनराशि 26 जून 2023 को एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 शाखा एवं इंडियन बैंक सेक्टर-61 के खातों से भेजकर 200 करोड़ की एफडी बनाकर बैंक को उपलब्ध कराने को कहा।

गोरखपुर, रांची और गुवाहाटी में धोखाधड़ी का किया था प्रयास 

पुलिस की पूछताछ में मन्नू ने बताया कि दो साल पहले उसने रांची में भी फ्रॉड का प्रयास किया था। वहीं, इस साल गोरखपुर व गुवाहाटी में सरकारी विभागों की एफडी की धनराशि में भी धोखाधड़ी करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज और मुहर भी मिली हैं, इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में होता था। 

अभी तक की पूछताछ में इस बात के संकेत मिले है कि फर्जीवाड़े में बैंक और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की संलिप्तता हो सकती है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले को लेकर कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आएंगी और कई अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। 

मर्चेंट नेवी में रह चुका है…

पश्चिम बंगाल के 24 परगना निवासी मन्नू मर्चेंट नेवी में भी महत्वपूर्ण पद पर रह चुका है। उसके खिलाफ पश्चिम बंगाल समेत अन्य जगहों पर केस दर्ज हैं। वह लंबे समय से हवाला का कारोबार कर रहा है। हवाला कारोबारियों से उसके अच्छे संबंध हैं। ठगी की रकम ट्रांसफर और निकालने का हक सिर्फ मन्नू के पास रहता था। उसके पास से मिले चारों खातों को फ्रीज करवा दिया गया है।

मन्नू पोला नहीं मन्नू भोला

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का असली नाम मन्नू भोला है। शुरुआत में पुलिस को इसका नाम मन्नू पोला पता चला था। फर्जीवाड़े के बाद भी मन्नू अपना नाम बदलकर कई ठिकानों पर रहा। वह पहचान छुपाने के लिए राजीव कपूर के नाम के जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल करता था। कई अन्य नाम से भी बने आधार कार्ड में फोटो मन्नू की ही लगती थी। 

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