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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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अब संगठित होकर छोटे अपराध करने वालों की भी खैर नहीं है। संगठित होकर या फिर अकेले ही छोटे-मोटे अपराध करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनसी) में मकोका जैसा विशेष कानून बनाया गया है। अब संगठित होकर छोटे-मोटे अपराध करने वालों के खिलाफ बीएनसी की धारा 112 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। बीएनसी की धारा-112  के तहत पहला मामला दक्षिण-पूर्व जिले की बदरपुर थाना पुलिस ने तीन बदमाशों के खिलाफ सोमवार को दर्ज किया है। 

बदरपुर ने तीन अपराधी ग्राम मोलडबंद, सपेरा कॉलोनी बदरपुर निवासी कबीर उर्फ रत्नेश नाथ पुत्र सुभाष नाथ, अमित पुत्र बाली नाथ और अविनाश उर्फ गांधी पुत्र रामकृपाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 112 के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों बदमाशों का एक समूह है जो या तो अकेले या एक दूसरे के साथ मिलकर छीनाझपटी,  लूटपाट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। तीनों ने बदरपुर में वर्ष 2022 में संगठित होकर दो वारदात कीं। इन्होंने अकेले भी कई वारदात को अंजाम दिया है। तीनों  ने झपटमारी की घटनाओं को अंजाम दिया है। ऐसे में इनके साथ बीएनसी की धारा 112 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

दक्षिण-पूर्व जिले के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जो आपराधिक मामले 30 जून रात 12 बजे से पहले दर्ज हुए हैं वह मामले आईपीसी के तहत चलेंगे। आईपीसी के तहत ही सजा होगी। बीएनसी की धारा 112 के तहत अब जो मामला दर्ज किया है वह बीएनसी के तहत चलेगा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनके खिलाफ दर्ज पुराने अपराधों का भी पता किया जा रहा है।

संगठित छोटे अपराध के लिए बीएनसी की धारा 112

कोई बदमाश, किसी समूह या गिरोह का सदस्य होते हुए, अकेले या संयुक्त रूप से, चोरी, छीना-झपटी, धोखाधड़ी, टिकटों की अनधिकृत बिक्री, अनधिकृत सट्टा या जुआ, सार्वजनिक परीक्षा के प्रश्न-पत्रों की बिक्री या किसी अन्य समान आपराधिक कृत्य का कोई कार्य करता है करता है उसे उसे छोटा संगठित अपराध करने वाला कहा जाता है। इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए चोरी  में छल से चोरी, वाहन, आवास या व्यावसायिक परिसर से चोरी, माल की चोरी, जेबतराशी, कार्ड स्कीमिंग के माध्यम से चोरी, दुकान से सामान चुराना और ऑटोमेटेड टेलर मशीन की चोरी शामिल है।

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