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भारत में पिछले पांच साल में 65 फ्लाइट्स में उड़ान के दौरान हवा में या टेकऑफ करते समय इंजन बंद (शटडाउन) हुए। वहीं, बीते 17 महीनों में 11 फ्लाइट से ‘मेडे’ कॉल की गई।
यह जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मांगे गए आंकड़ों से सामने आई है।
इससे पता चलता है कि हर महीने कम से कम एक विमान का इंजन बंद हुआ। सभी मामलों में पायलट एक ही इंजन से विमान को सुरक्षित रूप से नजदीकी एयरपोर्ट तक पहुंचाने में सफल रहे।
इनमें 12 जून दुर्घटनाग्रस्त हुआ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर और 19 जून को इंडिगो की गुवाहाटी-चेन्नई फ्लाइट शामिल नहीं है। फ्यूल कम होने की वजह से फ्लाइट को बेंगलुरु भेज दिया गया था।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा के मुताबिक इंजन कम ईंधन, टर्बाइन में खराबी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में गड़बड़ी जैसी कई वजहों से बंद हो सकता है।
RTI डेटा से पता चलता है कि 1 जनवरी, 2024 से 31 मई, 2025 के बीच 11 फ्लाइट्स से मेडे कॉल आई। इनमें कई तकनीकी गड़बड़ियों की सूचना दी गई और इमरजेंसी लैंडिंग की मांग की गई। इनमें से चार फ्लाइट्स ने तकनीकी खराबी के कारण हैदराबाद में लैंडिंग की।
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