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नालागढ. हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के  नालागढ़ उपमंडल के सल्लेवाल गांव में चिकनी नदी के बहाव दो प्रवासी मजदूर फंस गए. घटना के दौरान सोमवार को दोनों मजदूर अपने अपनी ड्यटी के लिए कंपनी जा रहे थे. अचानक पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण चिकनी नदी में पानी का तेज बहाव आ गया, जिसके चलते दोनों मजदूर नदी के बीच में फंस गए. इस जोखिम भरे हालात में स्थानीय ग्रामीणों की सूझबूझ और साहस ने उनकी जान बचा ली.

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग नदी किनारे एकत्रित हो गए, लेकिन तेज बहाव के कारण मजदूरों को बचाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. इस बीच, गांव के लोगों ने व्हाट्सएप के माध्यम से इस घटना की सूचना प्रसारित की, जिसके बाद बड़ी संख्या में युवक और बुजुर्ग मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने का फैसला किया.

शुरुआत में रस्सी फेंककर मजदूरों तक पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन तेज बहाव के कारण यह प्रयास विफल रहा. लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद, गांव के एक साहसी युवक लकी नदी में उतरा और फिर रस्सियों को आपस में बांधा और साथियों की की मदद से नदी के बीच फंसे मजदूरों तक पहुंचे.

लकी और उनकी टीम ने पहले एक मजदूर को रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकाला और फिर दूसरे मजदूर को भी बचा लिया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और युवकों की हिम्मत की सराहना की. घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम में नदी-नालों के किनारे न जाएं, क्योंकि अचानक जलस्तर बढ़ने से जान-माल का नुकसान हो सकता है.

पूर्व फायर ऑफिसर करमचंद के बेटे ने भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया, और बताया कि “जैसे ही हमें मजदूरों के फंसने की खबर मिली, मेरे बेटे और गांव के अन्य युवक तुरंत मौके पर पहुंचे. उन्होंने सूझबूझ और साहस के साथ रस्सी के जरिए दोनों मजदूरों को सुरक्षित निकाला.” उन्होंने आगे कहा, “बरसात के मौसम में नदियों का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है. लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और नदी किनारे जाने से बचना चाहिए.”

कंपनी में जा रहे थे, तभी बीच में फंस गए

रेस्क्यू किए गए एक प्रवासी मजदूर संत कुमार ने बताया, “हम हर रोज की तरह कंपनी जा रहे थे. मेरे साथ मेरा भाई भी था. नदी के बीच पहुंचते ही अचानक तेज बहाव आ गया. हम डर गए और समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें. हम एक तरफ खड़े हो गए, लेकिन पानी का बहाव बढ़ता जा रहा था. तभी स्थानीय लोग आए और रस्सी की मदद से हमें बाहर निकाला. हम उन युवकों के बहुत आभारी हैं जिन्होंने हमारी जान बचाई.” रेस्क्यू ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले लकी ने बताया कि व्हाट्सएप के जरिए सूचना मिली कि दो मजदूर नदी में फंस गए हैं. हम तुरंत मौके पर पहुंचे. पहले तो हम आधा घंटा सोचते रहे कि उन्हें कैसे बचाया जाए, क्योंकि पानी का बहाव बहुत तेज था. फिर हमने रस्सियों को बांधा और मैं अपने दो साथियों के साथ नदी में उतरा. हमने एक-एक करके दोनों मजदूरों को बाहर निकाला. उनकी जान बचाने के बाद हमें बहुत सुकून मिला.

एक और साहस की मिसाल की पेश

यह घटना सल्लेवाल गांव के लोगों की एकता और साहस की मिसाल बन गई है. व्हाट्सएप जैसे आधुनिक कम्युनिकेशन के माध्यम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उधर, प्रशासन ने लोगों से बारिश के मौसम में सतर्क रहने की अपील की है. अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अचानक बारिश होने से नदियों और नालों में पानी का बहाव तेज हो सकता है, जिससे ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. लोगों से अनुरोध है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट का पालन करें.

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