- Hindi News
- National
- Nitin Gadkari Said Society Needs People Who File Petitions Against Government
- कॉपी लिंक
यह बात उन्होंने रविवार को नागपुर में ‘प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार समारोह’ में कही।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि समाज में कुछ ऐसे लोग भी होने चाहिए, जो सरकार के खिलाफ केस दाखिल कर सकें। यह बात उन्होंने रविवार को नागपुर में ‘प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार समारोह’ में कही।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा- अगर सिस्टम में अनुशासन चाहिए तो सरकार के खिलाफ अदालत का सहारा लेना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार अदालत का आदेश ऐसे काम भी करवा देते हैं, जो सरकार नहीं करवा पातीं।
जनता को लुभाने की राजनीति नेताओं के आड़े आती है समाज में कुछ लोगों को सरकार के खिलाफ अदालत में याचिकाएं दाखिल करनी चाहिए। इससे नेताओं और सिस्टम में अनुशासन आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता को लुभाने की राजनीति नेताओं और मंत्रियों के आड़े आती है और वे जनहित में कदम नहीं उठा पाते।
इस दौरान उन्होंने ऐसे कई लोगों के उदाहरण भी दिए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ ही किसी मामले में अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह जरूरी चीज है।
समाज में जागरूक और जुझारू लोगों की मौजूदगी जरूरी गडकरी ने इस मौके पर कुशल संघटक के रूप में सम्मानित लोगों की सराहना करते हुए कहा कि इन लोगों ने सरकार के खिलाफ कई कानूनी लड़ाइयां लड़ीं। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे जागरूक और जुझारू लोगों की मौजूदगी जरूरी है जो सिस्टम की गलतियों को उजागर करें और जनता के हित में कदम उठाएं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ये लोग सिर्फ विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि जनहित में काम कर रहे थे। इन लोगों ने अदालत के माध्यम से सरकार की जवाबदेही तय की और साबित किया कि लोकतंत्र में जागरूक नागरिकों की कितनी अहम भूमिका होती है। कई बार ऐसा हुआ है कि जब लोग अदालत गए तो सरकार को अपने किसी फैसले से पीछे हटना पड़ा।
नितिन गडकरी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
केंद्रीय रोड और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। नागपुर में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘जो करेगा जात की बात, उसको मारूंगा कस के लात।’ मैं धर्म और जाति की बातें सार्वजनिक रूप से नहीं करता। पूरी खबर पढ़ें…
नितिन गडकरी बोले- राजा ऐसा हो, जो आलोचना झेल सके:उस पर आत्मचिंतन करें, यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा
नितिन गडकरी ने कहा कि राजा (शासक) को ऐसा होना चाहिए कि कोई उसके खिलाफ बात करे, तो उसे बर्दाश्त करे। आलोचनाओं का आत्मचिंतन करे। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा होती है। उन्होंने ये बातें पुणे में MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कही। पूरी खबर पढ़ें…
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||