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Success Story: मेरठ के रजपुरा ब्लॉक की रहने वाली सलोनी द्वारा 30 दिन के मूर्ति बनाने की प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार शुरू किया. जिसके माध्यम से वह 8 अन्य महिलाओं को भी रोजगार कर रही है. उन्होंने एक साल पहले शुरुआ…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • सलोनी ने मूर्ति बनाने का कारोबार शुरू किया
  • सलोनी ने नाबार्ड से मूर्ति बनाने की ट्रेनिंग ली
  • सलोनी 8 अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही है
 विशाल भटनागर/ मेरठ : वर्तमान समय में महिलाएं विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों से ट्रेनिंग हासिल करने के पश्चात स्वरोजगार की तरफ भी तेजी से कदम बढ़ाते हुए दिखाई दे रही है. जिसके माध्यम से जहां वह खुद अच्छी कमाई कर लेती हैं. वहीं अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराती हैं. कुछ इसी तरह का नजारा मेरठ के रजपूरा ब्लॉक में भी देखने को मिल रहा है. जहां की रहने वाली सलोनी मूर्ति बनाने के कारोबार के माध्यम से अपनी एक विशेष पहचान बन चुकी है. ऐसे में लोकल 18 की टीम द्वारा भी सलोनी से खास बातचीत की गई.

नाबार्ड से हासिल की ट्रेनिंग, बदल गई जिंदगी

सलोनी ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि उनका सपना सरकारी नौकरी करने का था. ऐसे में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कई एग्जाम दिए. लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. उसके बाद उन्होंने बिजनेस वूमेन बनने के लिए नाबार्ड से मिट्टी सहित अन्य प्रकार की मूर्ति बनाने की ट्रेनिंग हासिल की. उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में तो उन्हें यह विषय काफी कठिन लगा. लेकिन अब इसी मूर्ति बनाने के कारोबार से वह काफी अच्छी कमाई कर रही है. उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियों की डिमांड देश भर के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रही है.

बैंक से लोन लेकर शुरू किया बिजनेस

सलोनी ने बताया कि उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से शुरुआती दौर में डेढ़ लाख रुपए का लोन लिया था. इसके बाद उन्होंने अपने बिजनेस को आगे बढ़ाया. वर्तमान समय में आठ महिलाएं उनके साथ जुड़कर कारोबार कर रही हैं. जिन्हें वह प्रतिमाह आठ हजार रुपए से 10000 रुपए वेतन उपलब्ध करा रही है. वहीं उन्होंने बताया कि अगर 1 साल की बैलेंस शीट की बात की जाए ढाई लाख रुपए से अधिक का कारोबार कर चुकी है. जिस तरह से मूर्तियों की डिमांड आ रही है. उससे उन्हें उम्मीद है कि वह सालाना प्राइवेट सेक्टर में अगर जॉब भी करती तो शायद 2 साल में भी इतनी कमाई नहीं कर पाती है.

ऑर्डर पर भी तैयार करनी है मूर्तियां

बताते चलें जिस हिसाब से वर्तमान समय में ट्रेंड चल रहा है. उसी तरह सलोनी द्वारा मूर्तियां तैयार की जाती है. खास तौर पर उपहार के तौर पर भी कोई अगर गिफ्ट देना चाहे. तो उनके द्वारा उनके लिए डिमांड पर मूर्तियां तैयार की जाती है. उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी आ रही है. ऐसे में उन्हें बड़ी मात्रा में गाय की मूर्तियों को बनाने का आर्डर मिला है. उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं कुछ करने की ठान ले तो वह अपनी एक विशेष पहचान बना सकती है.

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