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-महापौर, प्रमुख सचिव व नगर आयुक्त ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को दी नई ऊंचाई
-नगर निगम का दावा-130000 पौधारोपण का लक्ष्य पार, हर पार्क बनेगा हरियाली का केंद्र
-रक्षा भूमि राइफल रेंज पर विकसित होगा मिनी फॉरेस्ट, मिलेगा ऑक्सीजन का नया स्रोत

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए गाजियाबाद नगर निगम ने बुधवार को वृक्षारोपण महाअभियान 2025 के तहत विजयनगर स्थित रक्षा भूमि राइफल रेंज में भव्य पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर नगर निगम द्वारा 30 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया, जिससे यह स्थल आने वाले समय में मिनी फॉरेस्ट के रूप में विकसित होगा। मुख्य अतिथि नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, महापौर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, वार्ड पार्षदों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को जन सहभागिता का प्रतीक बना दिया। प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि गाजियाबाद अब ग्रीन गाजियाबाद बनने की ओर अग्रसर है। पिछले साल लगाए गए पौधे अब 6 फीट से अधिक ऊंचाई के वृक्ष बन चुके हैं, जो इस अभियान की सफलता का प्रमाण हैं।

उन्होंने कहा कि रक्षा भूमि राइफल रेंज शीघ्र ही एक हरित विरासत के रूप में विकसित होगी, जिससे पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ शहर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त वातावरण भी मिलेगा। महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि हर नागरिक का दायित्व है कि वह एक पेड़ लगाए और उसका पालन-पोषण करें, ठीक वैसे ही जैसे परिवार के सदस्य का। उन्होंने पार्षदों और अधिकारियों को और अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि नगर निगम सीमा में मानसून सीजन के दौरान 1.30 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे पार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि निगम क्षेत्र के 1200 पार्कों और 17000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण किया जा चुका है।

कार्यक्रम में भाग लेने आए विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी पौधे रोपे और भविष्य में उनकी देखभाल का संकल्प लिया। एक पेड़ मां के नाम अभियान अब गाजियाबाद की पहचान बनता जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ, हरित और सुरक्षित वातावरण देने की दिशा में एक ठोस पहल है। नगर निगम के अनुसार, पूर्व में किए गए 1.50 लाख पौधारोपण अब पूर्ण वृक्ष बन चुके हैं, जो यह सिद्ध करते हैं कि संरक्षण के प्रति भी गंभीरता बरती गई है। गाजियाबाद अब मिनी फॉरेस्ट मॉडल के माध्यम से न केवल अपने पर्यावरणीय लक्ष्य पूरे कर रहा है, बल्कि प्रदेश के लिए एक हरित आदर्श मॉडल भी बन रहा है।

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