• उत्तर प्रदेश अब नीति नहीं, नतीजे दिखा रहा है: मंत्री नितिन अग्रवाल
• 3600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव, 135 एमओयू और 73 हजार से अधिक रोजगार के अवसर
• 19 इकाइयाँ काम कर रहीं, 27 निर्माणाधीन – नीति से जमीन तक का सफर तेज
• आबकारी विभाग बना तकनीक और पारदर्शिता का मॉडल: डॉ. आदर्श सिंह
• हर निवेशक को मिलेगा सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन लाइसेंसिंग और स्थायी नीति का भरोसा
• राज्य सरकार ने निवेशकों को दिया सुरक्षा, स्थिरता और सहयोग का पूर्ण आश्वासन
• सम्मेलन बना औद्योगिक आत्मनिर्भरता की चेतना का केंद्र- नतीजों की जमीन तैयार
• 2025 तक ‘एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था’ के लक्ष्य की ओर तेज कदम
उदय भूमि संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का आबकारी विभाग अब केवल राजस्व संग्रहण की भूमिका तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह राज्य की नई औद्योगिक क्रांति का अग्रदूत बनकर उभरा है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल बनी राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य ‘एक दिवसीय निवेशक सम्मेलन’, जहां देश और विदेश के प्रमुख निवेशकों, स्टार्टअप प्रतिनिधियों और औद्योगिक समूहों ने न केवल उत्तर प्रदेश के अल्कोहल आधारित उद्योगों में अपार संभावनाएं देखीं, बल्कि 3600 करोड़ के ताजे निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत कर प्रदेश की विकासगाथा में नया अध्याय जोड़ दिया। इस ऐतिहासिक सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश सरकार के ऊर्जावान आबकारी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने किया, जिनकी दूरदृष्टि और निवेश-सहज नीतियों ने विभाग को आधुनिक और भरोसेमंद रूप में परिवर्तित कर दिया है। इस मंच की शोभा बढ़ा रहे थे आबकारी विभाग के आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह, जिनकी नीति-प्रवर्तक कार्यशैली और तकनीकी नवाचारों ने विभाग को पारदर्शी, डिजिटल और निवेश के लिए प्रेरक वातावरण में बदल दिया है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ उपभोक्ता राज्य नहीं, बल्कि निवेश और निर्माण का केंद्र बन चुका है। आबकारी विभाग ने अपने अंदरूनी कामकाज को जिस पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता से बदला है, उसी का परिणाम है कि आज देश-विदेश के निवेशक यहां अवसर तलाशने नहीं, बल्कि भरोसे के साथ निवेश करने आ रहे हैं।
विगत वर्षों में हमने ई-गवर्नेंस, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, नीति स्थायित्व और सरल लाइसेंसिंग जैसी पहलों के माध्यम से यह विश्वास अर्जित किया है। अब हमारा उद्देश्य केवल निवेश आकर्षित करना नहीं, बल्कि हर निवेश को जमीन पर उतरवाना और उसे सफल बनाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रशासनिक दक्षता दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प में उत्तर प्रदेश ‘ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ के साथ प्रमुख भूमिका निभा रहा है, और आबकारी विभाग इसमें एक मज़बूत स्तंभ के रूप में काम कर रहा है। हम निवेशकों को यह आश्वासन देते हैं कि उन्हें एक पारदर्शी, सुरक्षित और लाभकारी माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। हमारा हर कदम नीति निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक उद्योग मित्र, जनहितैषी और रोजगार सृजन केंद्रित है।
आबकारी विभाग ने खुद को नीति सुधार, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से पूरी तरह पुनर्गठित किया है। हमारे लिए केवल निवेश लाना ही लक्ष्य नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि निवेशक को एक सुरक्षित, पारदर्शी और लाभकारी माहौल मिले। सम्मेलन में लखनऊ उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह, जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह, एपीडा के अध्यक्ष (आईएएस) अभिषेक देव, ज्वाइंटर कमिश्रर दीलिपमणि तिवारी, मेरठ, आगरा ज्वाइंट, गोरखपुर, टास्कफोर्स की पूरी टीम और प्रयागराज मुख्यालय के सभी अधिकारी एवं लखनऊ आबकारी विभाग की जनपदीय टीम मौजूद रही।
इन्वेस्ट यूपी की उपलब्धियाँ बनीं विश्वास का आधार
सम्मेलन में यह जानकारी दी गई कि पिछले वर्षों में इन्वेस्ट यूपी के ज़रिये 135 निवेश प्रस्तावों के साथ 39,479.39 करोड़ का निवेश और 73,524 रोजगार का वादा सामने आया। इनमें से 19 इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिन्होंने अब तक 2339.6 करोड़ का निवेश और 2316 नौकरियों का निर्माण किया है। साथ ही 27 इकाइयाँ स्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिससे उत्तर प्रदेश का औद्योगिक नक्शा तेजी से बदल रहा है।
डॉ. आदर्श सिंह का नेतृत्वत्न तकनीक, नीति और विश्वास का समन्वय
आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह के मार्गदर्शन में विभाग ने डिजिटलीकरण, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ऑनलाइन लाइसेंसिंग, और जियो टैगिंग जैसी आधुनिक प्रक्रियाओं को अपनाकर विभाग को पारदर्शी और तेज बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि निवेशक को समयबद्ध, स्पष्ट और बाधारहित सेवाएं प्राप्त हों। तकनीक ही निवेश का सबसे बड़ा भरोसा है और हमने यह भरोसा अर्जित किया है।
निवेश की लहर, विश्वास की बहार
सम्मेलन के समापन पर आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल और आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने सभी निवेशकों, औद्योगिक प्रतिनिधियों, स्टार्टअप भागीदारों और नीति-निर्माताओं का हृदय से आभार प्रकट किया। उनका कहना था कि यह आयोजन केवल एक औपचारिक निवेशक सम्मेलन नहीं, बल्कि “उत्तर प्रदेश की नई औद्योगिक चेतना, आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में निर्णायक कदम” था।
यह सम्मेलन प्रदेश की बदलती सोच, नीतिगत स्थायित्व और पारदर्शिता के प्रति बढ़ते विश्वास का प्रतिबिंब है, जिसने यह सिद्ध कर दिया है कि उत्तर प्रदेश अब निवेश की ज़मीन पर नहीं, विश्वास की नींव पर खड़ा हो रहा है।
‘एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ की नींव बन रही आबकारी नीति
सम्मेलन के दौरान मंत्री अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की विकास-दृष्टि और योगी जी की प्रशासनिक दृढ़ता ने उत्तर प्रदेश को नई उड़ान दी है। हम एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ रहे हैं, और आबकारी नीति उसका मजबूत आधार बन चुकी है।
आंकड़े जो बदलाव की कहानी
• वर्ष 2016-17 में आबकारी राजस्व 17,000 करोड़ था,
• वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर ?53,000 करोड़ हो गया।
• निवेशकों के लिए नीति स्थायित्व, कर छूट और सहायक प्रक्रिया को केन्द्र में रखा गया है।
• सम्मेलन में अल्कोहल निर्माण, ब्रिवरी, वाइनरी और अन्य सहायक उद्योगों में निवेश के अवसरों पर विस्तार से चर्चा हुई।
सम्मेलन में दिखाई दी भविष्य की झलक
सम्मेलन में चर्चा के प्रमुख बिंदु थे:
• नई आबकारी नीति में निवेश के अवसर
• औद्योगिक समूहों के लिए प्रोत्साहन
• ई-गवर्नेंस से पारदर्शिता
• निर्यात आधारित उत्पादन को बढ़ावा
• युवाओं के लिए रोजगार सृजन की नई संभावनाएं
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||