-आबकारी विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई में खुला शराब तस्करी का हाई-प्रोफाइल रैकेट
-‘ऑपरेशन स्टील नेट’ में जिला आबकारी अधिकारी की मास्टरस्ट्रोक कार्रवाई, नोएडा बना नशा विरोधी युद्ध का मोर्चा
उदय भूमि संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश के हाई-प्रोफाइल जिले गौतमबुद्ध नगर में आबकारी विभाग ने एक ऐसी तस्करी का भंडाफोड़ किया है जिसने शराब माफिया के होश उड़ा दिए हैं। सोमवार को हुई इस गुप्त ऑपरेशन में लगभग 90 लाख रुपये की विदेशी शराब, प्रीमियम बियर की 1,911 पेटियां, 435 शराब की बोतलें और 56 फर्जी सरकारी स्टिकर बरामद किए गए। यह सब एक आम रेजिडेंशियल सेक्टर के मकान में संचालित हो रहा था मानो किसी महंगे गेस्ट हाउस के अंदर बना शराब का अवैध साम्राज्य हो। मगर आबकारी विभाग की निगाहें कहीं ज्यादा तेज़ और दूरदर्शी निकलीं। आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुई इस बड़ी कार्रवाई में न केवल करोड़ों की शराब जब्त की गई, बल्कि तस्करी के उस गुप्त नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो गया जो लंबे समय से जिले में सक्रिय था। सोमवार को आबकारी निरीक्षक अभिनव शाही और आशीष पाण्डेय की संयुक्त टीम ने बिसरख थाना क्षेत्र के सेक्टर-30 में दबिश देकर आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने एक मकान से भारी मात्रा में विदेशी शराब और बीयर की खेप बरामद की। यह सारा माल एक सोची-समझी योजना के तहत पहले से ही एकत्रित किया गया था।
जांच में सामने आया कि आरोपी सचिन कुमार जायसवाल ने मार्च महीने में ही लाइसेंसी दुकानों से पुराने स्टॉक को सस्ते दामों पर खरीदकर एकत्रित कर लिया था, क्योंकि 1 अप्रैल से नई दुकान व्यवस्था लागू होनी थी, जिसके तहत पुराने लाइसेंस धारकों को अपने बचे हुए स्टॉक को हटाना था। इस मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने हजारों पेटियां बीयर और सैकड़ों बोतलें शराब की एकत्रित कीं और फिर उन्हें नई दरों वाले फर्जी स्टिकर लगाकर ऊंचे दामों में बेचने की योजना बनाई। दबिश के दौरान जो शराब और बीयर बरामद हुई है, उसमें हूपर, होएगार्डन, बीरा 91 जैसी प्रीमियम ब्रांड की करीब 1,911 बीयर पेटियां और टीचर, ब्लेंडर ब्लू, रॉयल स्टैग, वोडका, रम जैसी कुल 435 विदेशी शराब की बोतलें शामिल हैं। इसके अलावा 2025-26 की फर्जी दरों वाले 56 स्टीकर भी बरामद किए गए हैं। बरामद माल की कुल कीमत लगभग 90 लाख रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तार आरोपी अयोध्या निवासी है और नोएडा में किराए पर रह रहा था। उसने अवैध कारोबार को एक सामान्य आवासीय क्षेत्र के घर में अंजाम देना शुरू कर दिया था, जिससे किसी को शक भी नहीं होता। मगर आबकारी विभाग की मजबूत खुफिया नेटवर्किंग ने इस नेटवर्क को समय रहते पकड़ लिया और कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगेहाथों दबोच लिया गया। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग की प्राथमिकता न केवल अवैध शराब के निर्माण और बिक्री को रोकना है, बल्कि पूरे जिले को नशा मुक्त बनाना भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे शराब प्रदेश के भीतर से आ रही हो या अन्य राज्यों से, उसे अवैध रूप से बेचने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस बड़ी कार्रवाई ने जिले भर में शराब माफिया के हौसले पस्त कर दिए हैं। इससे यह भी साफ हो गया है कि आबकारी विभाग की टीम एक-एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए है और किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि को जिले में अब पनपने नहीं दिया जाएगा। नोएडा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते रियल एस्टेट और घनी आबादी के बीच तस्करी का यह गिरोह जिस तरह काम कर रहा था, वह बेहद खतरनाक था, लेकिन प्रशासन की सतर्कता और योजना ने उसे खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है।
मार्च में बीज, जून में फसल- ऐसे हुआ तस्करी का प्लान तैयार
गिरफ्तार आरोपी सचिन कुमार जायसवाल कोई आम तस्कर नहीं बल्कि एक गणनात्मक माफिया मॉडल पर काम करने वाला योजनाकार निकला। मार्च में जब लाइसेंस खत्म होने वाले थे और पुराने दुकानदार माल सस्ते में बेच रहे थे, तभी इस आरोपी ने थोक में माल खरीद लिया। इसके बाद योजना बनाई गई कि 1 अप्रैल से नई रेट लिस्ट लगाकर वही पुरानी शराब जनता को ऊंचे दामों में बेची जाएगी और वह भी वैध के नाम पर। नई कीमत, पुराना माल, नकली स्टीकर और असली मुनाफा यही शराब माफिया की स्कीम थी।
एक मकान, एक गोदाम और एक तस्कर और पीछे छिपा करोड़ों का नेटवर्क
सेक्टर-30, मकान संख्या सी-429, बिसरख थाना क्षेत्र इस ठिकाने से पुलिस और आबकारी टीम को जो बरामदगी मिली, उसने सबको चौंका दिया। क्योंकि बीयर की 1,911 पेटियां (हूपर, बीरा 91, होए गार्डन जैसी प्रीमियम बियर) बरामद किया गया। जिसमें 435 विदेशी शराब की बोतलें (टीचर, ब्लेंडर ब्लू, ओपीएम, मैकडॉवेल, रॉयल स्टैग आदि), 56 फर्जी स्टीकर (2025-26 की दरों वाले), लिफ्ट अप ग्रीन एप्पल वोडका, नेफ्ट ब्लैक-व्हाइट वोडका, नॉटिलस ङ्गह्र ब्रांडी, बीरा वाइन सहित हाई-एंड ब्रांड के थे। जिनकी कीमत करीब 90 लाख रुपये से अधिक थी।
ऑपरेशन स्टील नेट: आबकारी विभाग की रणनीति बनी माफिया के लिए कालौत का फरमान
जिले के आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव न केवल विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं, बल्कि अपने मजबूत खुफिया नेटवर्क से अपराधियों की हर चाल को मात दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम केवल कार्रवाई नहीं कर रहे, हम जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए हर रोज जंग लड़ रहे हैं। बाहरी राज्य से शराब हो या स्थानीय तस्करी कानून से बड़ा कोई नहीं। श्रीवास्तव की अगुआई में यह जिला अब उत्तर प्रदेश के लिए मॉडल ज़ोन बनता जा रहा है, जहां कानून का शिकंजा माफिया की गर्दन पर दिन-ब-दिन कसता जा रहा है। यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे अवैध शराब नेटवर्क के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी संदिग्ध शराब का भंडारण या बिक्री होती दिखाई दे तो तुरंत आबकारी विभाग या स्थानीय पुलिस को सूचना दें।
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