भीषण गर्मी में भी नो प्राब्लम
शुतुरमुर्ग के पंख नरम और ढीले होते हैं, जो उड़ने के लिए उपयोगी नहीं होते, लेकिन ये गर्मी से बचाव में मदद करते हैं. पंख शुतुरमुर्ग की त्वचा को सीधी धूप से बचाते हैं. जब ये अपने पंखों को हिलाता है, तो यह शरीर के आसपास हवा का प्रवाह बढ़ाकर ठंडक पैदा करता है.
टांगे भी गर्मी प्रूफ
फेफड़े भी गर्मी में ये काम करते हैं
शुतुरमुर्ग के फेफड़े बड़े और कुशल होते हैं, जो गर्म हवा को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं. इसके अलावा, यह अपनी सांसों की गति बढ़ाकर अधिक ऑक्सीजन लेता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है. शुतुरमुर्ग के शरीर में पसीना नहीं आता, जिससे पानी की बचत होती है। यह पानी की कमी वाले इलाकों में जीवित रहने के लिए अनुकूल है.
यूं बचाता है अपने शरीर का पानी
बिना पानी के कई दिन रह सकता है
शुतुरमुर्ग के जीन में ऐसी विशेषताएं हैं जो उसे तापमान के बड़े उतार-चढ़ाव को झेलने में मदद करती हैं. वैज्ञानिकों ने पाया है कि शुतुरमुर्ग की प्रजाति में गर्मी और सर्दी दोनों को सहने की क्षमता पाई जाती हैं, लेकिन यह क्षमता जीवन के अलग-अलग चरणों में बदल सकती हैं.
कार की स्पीड से दौड़ सकता है
शुतुरमुर्ग 70 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है. लगातार 30-40 मिनट तक 50 किमी/घंटा की स्पीड बनाए रख सकता है. इसके अंडे की लंबाई 6 इंच तक होती है और वजन 1.5 किलोग्राम तक हो सकता है. शुतुरमुर्ग के एक लात से शेर जैसे बड़े शिकारी की हड्डी भी टूट सकती है. शुतुरमुर्ग की तीन पलकें होती हैं, जो रेतीले तूफानों से आँखों की रक्षा करती हैं. यह 40-50 साल तक जीवित रह सकता है. यह एकमात्र पक्षी है जिसके पैरों में केवल दो उंगलियां होती हैं.
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