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FATF ने पहलगाम हमले पर चिंता जताई और मारे गए लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की है. उसने आतंकी हमले की निंदा करते हुए मनी ट्रांसफर साधनों पर सवाल उठाए हैं.

पहले पाक‍ पर मेहरबानी, 25 द‍िन बाद आई पहलगाम अटैक की याद, FATF ने क्‍या कहा?एफएटीएफ ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है. (Representative Image)

हाइलाइट्स

  • FATF ने पहलगाम हमले पर चिंता जताई.
  • FATF ने आतंकी फंडिंग पर सख्त कदम उठाने की बात कही.
  • FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर रखा.

नई दिल्ली. FATF ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले पर गंभीर चिंता जाहिर की है. उसने इस हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जाहिर करते हुए आतंकी हमले की निंदा की है. FATF ने कहा कि इस तरह के दूसरे हालिया हमले, पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच मनी ट्रांसफर करने के साधनों के बिना नहीं हो सकते थे. इस तरह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल भारत को दहला गया, बल्कि अब इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दे रही है. आतंक की फंडिंग पर नजर रखने वाली प्रमुख वैश्विक संस्था FATF (Financial Action Task Force) ने इस हमले की औपचारिक आलोचना करते हुए इसे ‘गंभीर चिंता’ का विषय बताया दिया.

FATF का कहना है कि ऐसे आतंकी हमले महज़ बंदूकों और बारूद से नहीं होते. इनके पीछे एक गहरा और संगठित फाइनेंसियल नेटवर्क होता है, जो पैसों के सहारे आतंकवाद को जिंदा रखता है. और जब तक यह पैसा बहता रहेगा, तब तक आतंक का चेहरा बदलता रहेगा. FATF पिछले कई वर्षों से दुनिया भर के 200 से ज़्यादा देशों को आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए गाइडलाइन दे रहा है. इन गाइडलाइनों में बैंकिंग सिस्टम पर निगरानी, संदिग्ध लेनदेन की पहचान, और सोशल मीडिया, क्राउड फंडिंग या क्रिप्टो जैसी नई तकनीकों के दुरुपयोग से जुड़ी चेतावनियाँ शामिल हैं.

बिना पैसे के आतंकवाद दम तोड़ देगा

FATF ने साफ कहा कि ‘अगर आतंकियों तक पैसे न पहुँचें, तो उनकी नापाक योजनाएं भी दम तोड़ देंगी.’ इसके तहत वह जल्द ही आतंकवादी फंडिंग का एक गहन विश्लेषण और केस स्टडी रिपोर्ट जारी करेगा. इसका उद्देश्य दुनियाभर के देशों और प्राइवेट कंपनियों को यह समझाना है कि कैसे आतंकी ग्रुप पैसा जुटाते हैं और उससे मौत का सामान खरीदते हैं. FATF अध्यक्ष ने हाल ही में म्यूनिख में हुई ‘नो मनी फॉर टेरर’ कॉन्फ्रेंस में एक बड़ी बात कही, जिसे पूरी दुनिया को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकी अपना काम सिर्फ एक बार सफल होकर कर सकते हैं, लेकिन हमें उन्हें हर बार रोकना होता है. इस लड़ाई में हमें अकेले नहीं, बल्कि एक साथ खड़े होना होगा.

FATF से भारत को समर्थन

FATF की यह सख़्त चेतावनी भारत के लिए एक नैतिक समर्थन भी है, और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए एक परोक्ष संदेश भी कि अगर आतंक की फंडिंग रोकने में लापरवाही बरती गई, तो वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ना तय है. इस समय जब पहलगाम का ज़ख्म अभी भी ताज़ा है, FATF की यह कार्रवाई दिखाती है कि दुनिया अब आतंक के खिलाफ़ केवल बातें नहीं, बल्कि सख़्त कदम उठाने को तैयार है.

पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर

FATF ने मौजूदा वक्त में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट (Grey List) में नहीं शामिल किया है. अक्टूबर 2022 में FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटा लिया था. यह फैसला एक व्यापक मूल्यांकन और ऑन-साइट जांच के बाद लिया गया था. इससे पाकिस्तान को आतंकियों को फंडिंग करने में मदद मिली. ग्रे लिस्ट में शामिल देशों को आतंकवाद फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने होते हैं. जबकि ब्लैक लिस्ट वाले देशों पर कड़े आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाते हैं. वर्तमान ब्लैक लिस्ट में अभी ईरान, म्यांमार, और उत्तर कोरिया शामिल हैं. भारत जैसे देश FATF में सक्रिय रहते हुए पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डालने की कोशिश कर रहे हैं. इसका उद्देश्य पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाना है ताकि वह आतंकी फंडिंग के खिलाफ और भी सक्षम कदम उठाए.

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