-महादेव की भक्ति में डूबा गाजियाबाद, कैलाश यात्रा का पहला जत्था हुआ रवाना
-योगी सरकार की आस्था और सुविधा संग, शिवभक्तों ने शुरू की आध्यात्मिक यात्रा
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। पांच वर्षों के लंबे इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश की पावन भूमि से एक बार फिर कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक दृष्टि और सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण का यह परिणाम है कि रविवार को इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन से शिव भक्तों के पहले जत्थे को भव्य आयोजन के साथ भावभीनी विदाई दी गई। डमरू, तुरही और मृदंग की शिवमय ध्वनि के बीच 39 तीर्थयात्री हर हर महादेव के जयघोष करते हुए पवित्र यात्रा पर रवाना हुए। विदाई समारोह में उपस्थित उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सांसद अतुल गर्ग, कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, जिलाधिकारी दीपक मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ यात्रा को हरी झंडी दिखाकर विदा किया।
विशेष शैव आराधना के साथ प्रारंभ हुए इस आयोजन में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनि और श्रद्धालु शिव भक्तों की उत्साहवर्धक उपस्थिति ने वातावरण को शिवमय बना दिया। ढोलक, मृदंग, डमरू और तुरही की लय पर हर हर महादेव के उद्घोष ने यात्रियों को दिव्य ऊर्जा से भर दिया। मंत्री जयवीर सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह यात्रा केवल तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि योगी सरकार की सनातन परंपराओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धर्मनिष्ठ प्रतिबद्धताओं की सराहना करते हुए इसे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताया। सांसद अतुल गर्ग ने सभी यात्रियों को शुभकामनाएं दीं, जबकि कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा उनकी विधानसभा से शुरू हो रही है, यह उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मोदी-योगी युग ने भारत में सनातन संस्कृति को एक नवीन आत्मा प्रदान की है। तीर्थयात्रियों की आंखों में श्रद्धा और चेहरे पर संतोष इसका प्रमाण थे।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की अनुपम सौगात
इस ऐतिहासिक अवसर को और भी विशिष्ट बनाते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। न्यास के सीईओ एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि यात्रा से लौटने पर सभी तीर्थयात्रियों को एक विशेष रुद्राक्ष माला और क्तक्र कोड युक्त सुगम दर्शन कार्ड प्रदान किया जाएगा, जो एक वर्ष तक मान्य रहेगा। यह कार्ड श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तीर्थयात्रियों और उनके चार परिजनों को प्राथमिकता दर्शन की सुविधा देगा (विशेष पर्वों को छोड़कर)। यह योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य तीर्थयात्रियों को सम्मान और सुविधा दोनों प्रदान करना है। यह घोषणा सुनकर यात्रियों में गदगद भावनाओं का संचार हुआ और सभी ने हर हर महादेव के जयघोष से आभार प्रकट किया।
आध्यात्मिकता और सेवा का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित 1 लाख की सहयोग राशि पहले ही उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों के लिए एक ऐतिहासिक सौगात बन चुकी है। अब प्रशासनिक व्यवस्थाओं की मजबूती और धर्मार्थ कार्य विभाग की सक्रियता ने यात्रा को सहज, संरचित और भावनापूर्ण बना दिया है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, निदेशक धर्मार्थ कार्य संजय सिंह, यूपी पर्यटन निगम की एमडी सान्या छाबड़ा, विश्व भूषण मिश्र सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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