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-नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में नगर निगम बना जनता की ढाल
-सड़क से लेकर छत तक राहत का संचालन, हर मोर्चे पर तैनात सेवा का संकल्प

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। जैसे ही उत्तर भारत में गर्मी ने कहर बरपाना शुरू किया, गाजियाबाद नगर निगम ने समय रहते हालात को काबू में लेने की कमान संभाल ली है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बिना समय गंवाए शहर के हर कोने में राहत पहुंचाने के निर्देश जारी किए, और परिणामस्वरूप शहर के भीतर एक व्यवस्थित राहत अभियान प्रारंभ हो गया जिसमें ग्रीन नेट, प्याऊ, छिड़काव, जलापूर्ति और पशु-पक्षियों की सेवा जैसे पहलू समाहित हैं। वसुंधरा रेड लाइट, हापुड़ चुंगी और ठाकुरद्वारा जैसे हाई ट्रैफिक प्वाइंट्स पर अब धूप में खड़े लोग ग्रीन नेट की छांव में सांस ले रहे हैं। नगर निगम की निर्माण टीम अन्य व्यस्त चौराहों पर भी ग्रीन नेट लगाने के काम में जुटी है ताकि कोई राहगीर धूप में झुलसे नहीं। नगर निगम ने शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में मटकों के प्याऊ लगाए हैं जिनमें रोजाना टैंकरों से शुद्ध पेयजल भरा जा रहा है। केवल प्याऊ लगाना ही नहीं, बल्कि वहां पानी पिलाने के लिए कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि हर व्यक्ति को ठंडा पानी मिले और व्यवस्था बनी रहे। शहर के सभी जोनों के मुख्य मार्गों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे वातावरण में नमी बनी रहे और धूल कम हो। यह पहल खासतौर पर बुज़ुर्गों, बच्चों और दोपहिया सवारों को गर्मी से राहत देने में सहायक हो रही है।

हरियाली बनी रहे- पार्कों की सफाई और पौधों की सिंचाई को प्राथमिकता
उद्यान विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि शहर के पार्क और ग्रीन बेल्ट्स हरे रहें। पेड़-पौधों को नियमित पानी देना, सफाई बनाए रखना और बैठने की व्यवस्था दुरुस्त रखना नगर निगम की प्राथमिकता में है।

बेजुबानों का भी रखा ख्याल, नगर निगम की भावनात्मक अपील
नगर आयुक्त ने जनता से विशेष अपील की है कि हर घर के बाहर या छत पर पक्षियों व जानवरों के लिए पानी अवश्य रखें। यह केवल सेवा नहीं, बल्कि इंसानियत की पहचान है। कई सामाजिक संस्थाएं भी आगे आकर इस कार्य को आंदोलन का रूप दे रही हैं।

6500 हैंडपंप, 1300 नलकूप- जल संकट से लडऩे को तैयार निगम
शहर में जल आपूर्ति को मजबूत बनाए रखने के लिए नगर निगम ने 6500 हैंडपंप और 1300 नलकूप सक्रिय रखे हैं। साथ ही, नलकूपों की मरम्मत और सर्विसिंग कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है ताकि किसी भी मोहल्ले में जल संकट उत्पन्न न हो।

सख्त मॉनिटरिंग और रीयल टाइम कार्रवाई
नगर आयुक्त मलिक ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे एक-दूसरे से समन्वय में रहकर कार्य करें और किसी भी समस्या की शिकायत का तात्कालिक समाधान करें। फील्ड निरीक्षण, रिपोर्टिंग और फीडबैक की एक मजबूत श्रृंखला बनाई गई है, जिससे योजनाओं का असर धरातल पर दिखे।

जनता का सेवक, गाजियाबाद का प्रहरी
इन अभूतपूर्व प्रयासों से स्पष्ट है कि नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक एक सिर्फ प्रशासक नहीं, बल्कि जनसेवक की भूमिका निभा रहे हैं। जनता के लिए सोचने, महसूस करने और त्वरित क्रियान्वयन की उनकी नीति ने इस भीषण गर्मी में गाजियाबाद को राहत की दिशा में आगे बढ़ा दिया है।

विक्रमादित्य सिंह मलिक
नगर आयुक्त

गर्मी की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में हमारा पहला कर्तव्य जनता को राहत देना है। हम केवल योजनाएं नहीं बना रहे, उन्हें जमीन पर उतारकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर नागरिक तक ठंडा पानी, छांव और स्वच्छ वातावरण पहुंचे। नगर निगम की हर टीम फील्ड में सक्रिय है और हमारी कोशिश है कि कोई भी व्यक्ति, पशु या पक्षी प्यासा न रहे। गाजियाबाद में मानवीयता और सेवा की परंपरा को हम पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।
विक्रमादित्य सिंह मलिक
नगर आयुक्त

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