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पटना. बिहार की राजनीति में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. तेजस्वी के आरोप से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार से पांच तीखे सवाल पूछे हैं. तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और प्रशासनिक विफलता के गंभीर आरोप लगाए हैं. तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘बिहार में जो आयोग बने हैं, उनमें रामविलास पासवान, अशोक चौधरी और जीतन राम मांझी के दामादों को जगह दी गई है. क्या पूरे बिहार में इनसे ज्यादा काबिल लोग नहीं थे? अब नीतीश जी को ‘जमाई आयोग’ भी बना देना चाहिए.’ तेजस्वी ने पूछा कि कितने अधिकारियों की पत्नियों को सरकारी पदों पर सेट कर दिया गया है? बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाले अधिकारियों के बच्चे कहां पढ़ रहे हैं? और कितने अधिकारियों के बेटे-बेटियों की कंसल्टेंसी फर्मों सरकारी विभागों से लाभ कमा रहे हैं? तेजस्वी ने कहा, ‘चला चली की बेला, मुख्यमंत्री है अकेला’

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने बिहार में ‘जमाई आयोग’ बना दिया है, जहां उनके दामाद, जीजा और रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है. यह आरोप विशेष रूप से अनुसूचित जाति आयोग के संदर्भ में लगाया गया है, जहां मृणाल पासवान (चिराग पासवान के जीजा) और देवेंद्र मांझी (पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दामाद) को नियुक्त किया गया है. अशोक चौधरी के दामाद को लेकर भी तेजस्वी ने सवाल पूछे हैं.

तेजस्वी यादव के निशाने पर फिर ‘डीके बॉस’
तेजस्वी ने कहा, ‘नीतीश जी, बिहार में जमाई आयोग ही बना दीजिए. भूंजा पार्टी के नेता और अधिकारियों ने पत्नी, दामाद और बेटी सबको सेट कर लिया.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अब ‘डमी मुख्यमंत्री’ बनकर रह गए हैं और बिहार सरकार कुछ अधिकारी और नेता चला रहे हैं. तेजस्वी ने कहा, ‘नीतीश कुमार अब होश में नहीं हैं. उन्हें कैद कर लिया गया है और बस उनके चेहरे को आगे रखकर सरकार चलाई जा रही है.’

‘सीएम चले गए हैं अचेत अवस्था में’
तेजस्वी ने फिर कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘अचेत अवस्था’ में हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. अपराधी बेलगाम हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है. किभ्रष्टाचार की जड़ें मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गई हैं. नीतीश जी की भुंजा पार्टी को उनकी समस्याओं की कोई चिंता नहीं. सरकार में रिटायर्ड अधिकारी हावी हैं जो चढ़ावा लेकर मनचाही पोस्टिंग दिलवाते हैं. जनप्रतिनिधियों की शिकायतें भी सुनी नहीं जातीं. उन्होंने एक बार फिर ‘DK बॉस’ को ‘सुपर CM’ करार दिया, जिसके सामने मुख्य सचिव के पत्रों का भी कोई सम्मान नहीं.

मुख्य सचिव से भी ज्यादा किसके पास पावर?
तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि मुख्य सचिव ने कई बार जनप्रतिनिधियों की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे अधिकारियों का हौसला बढ़ गया है. उन्होंने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि ED और CBI के केस होने के बावजूद, सत्ता में रहने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव 2025 से पहले जोरदार हमला बोला है. हालांकि, जेडीयू और बीजेपी ने इन आरोपों को ‘हार की हताशा’ करार दिया. तेजस्वी की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जहां उनके समर्थकों ने इसे सरकार की नाकामी उजागर करने वाला बताया वहीं दूसरी ओर, एनडीए समर्थकों ने इसे सियासी नौटंकी कहा.

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