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UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीश ने सिविल सर्विस एग्जाम 2025 के प्रीलिम्स का रिजल्ट जारी कर दिया है। इसमें 14,161 कैंडिडेट्स ने क्वालिफाई किया है। कैंडिडेट्स upsc.gov.in पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
एग्जाम क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स को अब 22 अगस्त को मेन्स एग्जाम देना होगा। 25 मई को कुल 979 पदों के लिए 10 लाख से भी ज्यादा कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया था।
ऐसे चेक करें रिजल्ट…
- UPSC की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं।
- होम पेज पर ‘व्हाट्स न्यू’ पर क्लिक करें।
- सिविल सर्विस प्रीलिम्स रिजल्ट 2025 PDF पर क्लिक करें।
- मेन्स के लिए सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स के रोल नंबर्स की लिस्ट आपको दिख जाएगी।
तीन चरणों में होता है यह एग्जाम
सिविल सर्विस एग्जाम तीन चरणों में होता है। प्रीलिम्स इस एग्जाम का पहला चरण है। इसके बाद मेन्स होता है, जिसमें डिस्क्रिप्टिव सवाल पूंछे जाते हैं। इसमें सब्जेक्ट्स की गहरी समझ की जरूरत होती है। इसके बाद आखिर में इंटरव्यू के बाद कैंडिडेट्स का फाइनल सिलेक्शन किया जाता है।
प्रीलिम्स में सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स को अब डीटेल्ड एप्लिकेशन फॉर्म यानी DAF भरना होगा। इसे ध्यान से भरना चाहिए क्योंकि इंटरव्यू में इसी के आधार पर सवाल पूछे जाते हैं।
CSAT का पेपर था बेहद मुश्किल
मंजूनाथ थम्मीनिदी, लेखक, फैकल्टी और PMF IAS के फाउंडर बताते हैं कि इस साल पेपर 2 यानी CSAT का पेपर 1 से ज्यादा मुश्किल था और इससे एस्पिरेंट्स काफी परेशान भी हुए। पेपर लेंदी भी था, जिसमें छात्रों को टाइम मैनेज करने में दिक्कत हुई। परम्यूटेशन्स एंड कॉम्बिनेशंस जैसे रूटीन टॉपिक से बहुत कम सवाल पूछे गए। रीडिंग कॉम्प्रीहेंशन और एरिथमैटिक सेक्शंस ट्रिकी और टाइम कंज्यूमिंग थे। मैथ्स लेंदी था, जिसमें एक-एक सवाल पर लंबा वक्त लगाना पड़ रहा था।
नंबर सिस्टम और फिलॉसोफिकल पैसेज जैसे टॉपिक्स जिन एस्पिरेंट्स ने अच्छी तरह तैयार किए थे उन्होंने इस सेक्शन में अच्छा परफॉर्म किया होगा। ऐसा लगा कि UPSC इस बार ऐसे एस्पिरेंट्स को चाहता है जिनकी जनरल एप्टिट्यूड और मैथेमैटिकल स्किल्स अच्छी हों। पेपर मुश्किल जरूर था लेकिन अच्छी तैयारी वाले लोगों ने इसे सॉल्व कर लिया होगा।
UPSC प्रीलिम्स 2025 का पेपर 1 का जनरल स्टडीज का पेपर मोडरेट से डिफिकल्ट के बीच रखा जा सकता है। बहुत से एस्पिरेंट्स को पेपर लेंदी और ट्रिकी लगा।
मेन्स के लिए IAS ऑफिसर अंशुमन राज के टिप्स
करेंट अफेयर्स डिपेंड करता है कि हमारा स्टैटिक या बेसिक्स कितना स्ट्रॉन्ग है। मैं The Hindu या कोई और न्यूजपेपर पढ़ रहा हूं और उसमें इकोनॉमिक्स या ऐसा कोई बढ़िया आर्टिकल लिखा हुआ है। अगर मेरे फंडामेंटल्स क्लियर नहीं है, तो मैं उस एडिटोरियल को अच्छे से समझ नहीं पाऊंगा, इसलिए बैलेंस होना जरूरी है।
मेरे हिसाब से स्टूडेंट्स को 65% टाइम स्टैटिक को और करेंट अफेयर्स को 35% टाइम देना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि करेंट अफेयर नहीं भी पढ़ा है, लेकिन उस टॉपिक का स्टैटिक क्लियर है तो भी आप उसका सही जवाब दे सकते हैं। जैसे- 2020 के प्रीलिम में ड्रोन्स के बारे में कई सवाल पूछे गए थे। अगर AI और ड्रोन्स को लेकर मुझे कॉन्सेप्चुअल क्लैरिटी है तो इससे रिलेटेड सवालों का मैं आसानी से जवाब दे सकता हूं।
कोर सोर्सेज को न भूलें- अंशुमन
कोर सोर्सेज के लिए आप कोई भी एक न्यूजपेपर जैसे The Hindu या इंडियन एक्सप्रेस, मेजर मैगजीन्स जैसे योजना या कुरुक्षेत्र, एनवायर्नमेंट के लिए डाउन टू अर्थ पढ़ सकते हैं, साइंस के लिए साइंस रिपोर्टर्स। मंथली मैगजीन्स के बजाय इन पर फोकस करना चाहिए। मंथली मैगजीन्स ज्यादातर एस्पिरैंट्स ही बनाते हैं, जो या तो ब्रेक ले रहे हैं या जिनका सिलेक्शन नहीं हो पाया है।
कई बार सिर्फ कुछ नया दिखाने के लिए कुछ ऐसे करेंट अफेयर्स बना देते हैं, जो देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन एग्जाम के लिए हायली इररेलेवेंट होते हैं। इसलिए मैं यही कहूंगा कि प्राइमरी सोर्स पर जाएं, अपने नोट्स वहीं से बनाएं। सेकेंडरी सोर्स पर ज्यादा भरोसा करने की जरूरत नहीं है।
आपको दूसरों से अलग दिखना होगा
मेन्स एग्जाम में लिखते हुए आप दूसरों से अलग क्या सोच सकते हैं, वो दिखाना होगा। इसके अलावा एग्जामिनर के माइंड सेट को भी समझना होगा। एस्पिरेंट सोचते हैं कि बहुत सारे डायग्राम्स, बबल डायग्राम्स, सिंबल वगैरह बना देते हैं। इससे कुछ नहीं होता। अल्टीमेटली ये सब टूल्स होते हैं आपके आंसर को बेहतर रीप्रेजेंट करने के लिए। अगर ये टूल्स हेल्प करते हैं तो ठीक है, वर्ना बिना मतलब के इनका इस्तेमाल एग्जामिनर को आपके आंसर से डिस्ट्रैक्ट कर सकता है।
अगर आपको लगता है कि पैराग्राफ वाइज या पॉइंट वाइज लिखकर आप आंसर को बेहतर रिप्रेजेंट कर सकते हैं तो आप वैसे ही लिखें। जबर्दस्ती टेम्प्लेट को फॉलो न करें कि किसी टॉपर ने ऐसे लिखा तो मैं भी वैसे ही लिखूं। अल्टीमेटली कंटेंट और प्रेजेंटेशन ही काम आता है।
इसके अलावा जो जनरल सवाल पूछे जाते हैं उसमें वैल्यू एडिशन करें, इससे बेहतर मार्क्स मिलते हैं।
सिंपल लैंग्वेज में एस्से लिखें
UPSC कहता है कि एस्से के लिए सिंपल एंड ल्यूसिड लैंग्वेज यूज करें। टेम्प्लेट फॉलो न करें कि एक कोट या कविता ही लिखेंगे। बेहतर होगा कि एस्से की जरूरत को समझें। ऐसा लग रहा है कि कहानी या कविता लिखनी चाहिए तो लिखें, वर्ना जरूरत नहीं है।
बहुत ही सिंपल एस्से आए तो आप इतने डायमेंशन्स खोल दो जिससे आपकी नॉलेज पता चले। बहुत कॉम्प्लिकेटेड एस्से आए तो उसे इतनी सिंपल लैंग्वेज में समझाएं कि पता चले कि आपको टॉपिक क्लियर है।
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मेरा नाम आदित्य श्रीवास्तव है और 16 अप्रैल को जारी हुए UPSC के रिजल्ट में मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आई है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूं और यह मेरा तीसरा अटेंप्ट था। सिविल सर्विस के पहले अटेंप्ट में मेरा सिलेक्शन नहीं हो सका था। दूसरे अटेंप्ट में मेरा सिलेक्शन हो गया था और मुझे इंडियन पुलिस सर्विस अलॉट हुई थी। हालांकि, हमेशा से ही मुझे IAS ऑफिसर बनने की इच्छा थी। इसलिए अंडर ट्रेनिंग होने के बावजूद एक अटेंप्ट और दिया और इस बार IAS के लिए चुन लिया गया हूं। पूरी खबर पढ़ें…
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