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Pilibhit News : पीलीभीत के 280 गांवों में बाघ का खतरा बढ़ गया है. पिछले एक महीने में बाघ के हमलों में 5 मौतें हुई हैं. हालांकि वन विभाग बाघ की लोकेशन का पता लगाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ-साथ जागरूकता अभिय…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • पीलीभीत में बाघ के हमलों से 1 महीने में 5 मौतें हुईं.
  • वन विभाग बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटा है.
  • ग्रामीणों को सतर्क रहने और समूह में रहने की सलाह दी गई है.

पीलीभीत. पिछले एक साल में इंसानों और जंगली जानवरों के संघर्ष के मामले कम हुए थे, लेकिन पिछले एक महीने में बाघ के हमलों में 5 मौतों ने वन विभाग को चिंता में डाल दिया है. सोमवार को हुई घटना के बाद से बाघ की लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा है. ऐसे में घटनास्थल और आसपास के इलाकों में वन विभाग की ओर से अभियान चलाए जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व 73000 हेक्टेयर में फैला हुआ है. इस जंगल में 71 से अधिक बाघ और अन्य जंगली जानवर हैं, जिनसे इंसानों का सामना होने पर संघर्ष की स्थिति बन सकती है. लगभग 200 गांव ऐसे चिन्हित किए गए हैं जो इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष के लिहाज से संवेदनशील हैं, जबकि लगभग 80 गांव अतिसंवेदनशील माने जाते हैं.

असंवेदनशील इलाकों में जागरूकता अभियान
बीते सोमवार को मेवातपुर बनकटी गांव में बाघ के हमले में किसान मुकेश कुमार की मौत हो गई. यह गांव और इसके आसपास के लगभग एक दर्जन गांव असंवेदनशील इलाकों की श्रेणी में आते हैं. हमले के अगले दिन से ही वन विभाग बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटा हुआ है. इलाके में और कोई किसान दुर्घटना का शिकार न हो, इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

अभी भी पकड़ से दूर है बाघ
वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के सहयोग से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए एक अनाउंसमेंट वाहन चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से बाघ से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही वन विभाग ने घटनास्थल से दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांव के प्रधानों के साथ मिलकर एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया है. फिलहाल बाघ की लोकेशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है.

बाघ के हमले से बचाव के उपाय

  • जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को खेतों में जाते समय शोर मचाते रहना चाहिए.
  • अगर इलाके में बाघ की चहलकदमी है तो अकेले खेतों में जाने से बचना चाहिए.
  • बचाव के लिए हाथ में डंडा रखना चाहिए और समूह में ही रहना चाहिए.
  • शाम ढलने के बाद अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से भी बचना चाहिए.

ग्रामीणों से अपील
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि निगरानी टीम 24 घंटे बाघ की लोकेशन का पता लगाने में जुटी हुई है. साथ ही ग्रामीणों से भी अपील है कि खेतों में काम करते समय सतर्कता बरतें.

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