मां की नींद, उसकी भूख, उसका आराम सब कुछ बच्चे की हंसी पर कुर्बान है। चाहे वो अस्पताल की ड्यूटी हो, दुकान की व्यस्तता हो या क्लासरूम की जिम्मेदारी। हर मां के दिल का एक कोना हमेशा अपने बच्चे के लिए धड़कता है। कामकाजी मां के लिए यह सफर और भी कठिन हो जाता है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Amar Ujala
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