IMF ने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया कर्ज दिया है. लेकिन भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और सैन्य हुकूमत के चलते फंडिंग पर सवाल उठाए. भारत ने …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- भारत ने IMF में पाकिस्तान के लोन पर वोटिंग से परहेज़ किया.
- कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कमज़ोरी का आरोप लगाया.
- भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
नई दिल्ली: पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के खिलाफ जहां भारत ने सीमाओं पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर बड़ा संदेश दिया है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक ऐसा फैसला सामने आया जिसने देश में सियासत को गरमा दिया है. दरअसल, शुक्रवार रात भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया कर्ज देने के मुद्दे पर वोटिंग से परहेज किया. इस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जमकर घेरा और इसे “कमजोरी भरा कदम” बताया.
कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही केंद्र सरकार से मांग की थी कि IMF की इस बैठक में भारत पाकिस्तान को मिलने वाले इस कर्ज़ के खिलाफ “ज़ोरदार ना” कहे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही मांग की थी कि भारत पाकिस्तान को दिए जा रहे IMF ऋण के खिलाफ मतदान करे, जिस पर आज IMF की एक्सक्यूटिव बोर्ड में विचार किया गया.”
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही मांग की थी कि भारत पाकिस्तान को दिए जा रहे IMF ऋण के खिलाफ मतदान करे, जिस पर आज IMF की एक्सक्यूटिव बोर्ड में विचार किया गया। लेकिन भारत ने मतदान से दूर रहकर खुद को अलग रखा।मोदी सरकार पीछे हट गई। वहां एक मजबूत ‘NO’ का वोट एक सशक्त संदेश… https://t.co/CoRaUjRLbQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 9, 2025
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