उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। जिले में बाहरी राज्यों से अवैध शराब की तस्करी पर पूरी तरह लगाम कसने के लिए आबकारी विभाग ने चारों ओर से घेराबंदी कर दी है। आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम के नेतृत्व में अब गाजियाबाद की सीमाएं शराब तस्करों के लिए दुर्ग बन चुकी हैं। हाईवे, यूपी बॉर्डर और सभी प्रमुख चेकपोस्ट पर दिन-रात बिना किसी ढील के सघन निगरानी की जा रही है। संजय कुमार प्रथम की दूरदर्शी रणनीति, कठोर अनुशासन और जमीनी स्तर पर लगातार निरीक्षण की कार्यशैली ने पूरे तंत्र को पूरी तरह चौकस कर दिया है। उनकी अगुवाई में तैनात टीमें हर आने-जाने वाले वाहन की बारीकी से तलाशी कर रही हैं और चालकों को स्पष्ट रूप से चेताया जा रहा है कि यदि शराब तस्करी में लिप्त पाए गए, तो न केवल जेल की सलाखें उनका इंतजार करेंगी, बल्कि लाखों रुपये के वाहन भी जब्त कर लिए जाएंगे।
संजय कुमार प्रथम की सख्त कार्यशैली और सतत मॉनिटरिंग के चलते अब अवैध शराब तस्करों के हौसले पूरी तरह पस्त नजर आ रहे हैं। आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने जिले में सख्त रणनीति लागू करते हुए तस्करों के हौसले पस्त कर दिए हैं। शनिवार को आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अखिलेश कुमार, डॉ. राकेश त्रिपाठी और अनुज वर्मा के नेतृत्व में टीमों ने शराब की दुकानों, हाइवे, गली-मोहल्लों और संभावित तस्करी के ठिकानों पर ताबड़तोड़ चेकिंग और दबिश दी। टीमों द्वारा बड़े पैमाने पर वाहनों की तलाशी ली गई और कई जगहों पर संदिग्ध गतिविधियों पर कार्रवाई भी हुई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शराब तस्करी को जड़ से खत्म करना और जिले में अवैध कारोबारियों के खिलाफ कड़ा संदेश देना है।
ओवररेटिंग पर भी कसी नकेल, दुकानदारों को सख्त चेतावनी
जिले में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग (अधिक दाम वसूली) की शिकायतों को देखते हुए आबकारी विभाग ने गुप्त तरीके से ‘टेस्ट परचेजिंग’ अभियान शुरू किया है। विभागीय टीमें गुप्त ग्राहक बनकर दुकानों पर शराब खरीद रही हैं और नियमों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आबकारी अधिकारी ने सभी विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि एक रुपये भी अधिक वसूला गया तो कठोरतम कार्रवाई होगी। जेल की सजा के साथ लाइसेंस भी हमेशा के लिए रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे विक्रेता भविष्य में प्रदेश की किसी भी दुकान पर नौकरी नहीं कर पाएंगे। आबकारी विभाग एक साथ सख्ती और जन-जागरूकता दोनों मोर्चों पर काम कर रहा है।
जनता को भी अवैध शराब की जानकारी तुरंत विभाग को देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विभागीय टीमें गली-मोहल्लों में जाकर दुकानदारों और नागरिकों को कानून की जानकारी दे रही हैं और सहयोग की अपील कर रही हैं। आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने कहा कि गाजियाबाद में अवैध शराब के कारोबार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शराब तस्करों और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पूरी सख्ती बरती जा रही है। हमारी टीमें 24 घंटे मैदान में हैं। ओवररेटिंग, अवैध तस्करी और बिना लाइसेंस के शराब पार्टी आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। जिले में कानून का राज स्थापित करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
सीसीटीवी और पॉश मशीन अनिवार्य
शराब दुकानों पर अब 24 घंटे सीसीटीवी कैमरा चालू रहना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही विक्रेताओं को पॉश मशीन से स्कैन कर शराब बेचने की सख्त हिदायत दी गई है, ताकि हर खरीददारी का डिजिटल रिकॉर्ड रहे और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। दुकानों पर अधिक से अधिक ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और नकदी लेनदेन से जुड़े भ्रष्टाचार पर रोक लगे।
बिना लाइसेंस शराब पार्टी वालों पर कार्रवाई तेज
आबकारी विभाग की टीमें होटल, रेस्टोरेंट और बार में भी सघन चेकिंग अभियान चला रही हैं। किसी भी तरह की शराब पार्टी का आयोजन यदि बिना आबकारी विभाग से लाइसेंस लिए किया गया पाया गया, तो आयोजकों का लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया जाएगा और जेल भेजा जाएगा। साथ ही विभाग ने सलाह दी है कि जो लोग अक्सर पार्टियों के आयोजन के लिए लाइसेंस लेते हैं, वे ऑकेजनल बार लाइसेंस के बजाय साल भर के स्थायी लाइसेंस के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
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