रात 12 बजे से पहले शावकों का जन्म हुआ
शेरनी रूपा ने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है. 22 अप्रैल को पहले शावक की मौत हो गई और 23 अप्रैल को देर शाम दूसरे शावक की मौत हो गई. सफारी प्रबंधन के अधिकारियों ने दो शावकों की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए बचे हुए दो शावकों को रूपा शेरनी से अलग कर दिया. दोनों शावकों को हैंड फीडिंग कराई जा रही है ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
2023 में दो शावकों को दिया था जन्म
इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार सिंह बताते हैं कि शेरनी रूपा ने सबसे पहले साल 2023 में दो शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से एक शावक मरा हुआ पैदा हुआ और दूसरे शावक को रूपा ने दूध नहीं पिलाया था. सफारी के कीपर अजय ने हैंड फीडिंग कराकर उस शावक को बचा लिया और अब वह शावक लगभग दो साल का हो चुका है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पर शेरनी के बदले हुए व्यवहार का अध्ययन किया जा रहा है. सीसीटीवी पर सफारी प्रबंधन से जुड़े अधिकारी और डॉक्टर रूपा शेरनी के व्यवहार को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है कि शेरनी रूपा का यह बदला हुआ स्वरूप क्यों है.
2023 को पहली बार बनी थी मां
शेरनी रूपा का जन्म इटावा सफारी पार्क में जून 2019 में शेरनी जेसिका और बब्बर शेर मनन की मेटिंग से हुआ था. रूपा के साथ ही एक मादा शेरनी सोना और एक बब्बर शेर भरत का भी जन्म हुआ था. वर्ष 2023 में रूपा ने बब्बर शेर कान्हा से मेटिंग के बाद 3 सितंबर 2023 को पहली बार मां बनी थी और दो शावकों को जन्म दिया था.
शावक पूरी तरह स्वस्थ
जिनमें से एक शावक को रूपा ने मुंह से दबाकर मार दिया था. दूसरे शावक को रूपा से अलग करते हुए नियोनेटल केयर यूनिट में हैंड फीड कराया गया और उसकी देखभाल की गई. वर्तमान में वह शावक पूरी तरह स्वस्थ है और उसका वजन लगभग 100 किलोग्राम हो गया है.
गर्भपात हो गया था
दूसरी बार में रूपा ने वर्ष 2024 में बब्बर शेर कान्हा से मेटिंग के बाद गर्भधारण किया था, लेकिन गर्भकाल के दौरान उसका व्यवहार असामान्य (दीवार से हेड प्रेस और एक ही अवस्था में खड़े रहना) था. संभवतः इसी कारण से संभावित प्रसव तिथि 5 जून 2024 से 20 दिन पहले ही उसका गर्भपात हो गया था.
चार शावकों को दिया जन्म
वर्ष 2025 में रूपा ने फिर से बब्बर शेर कान्हा से मेटिंग करके तीसरी बार गर्भधारण किया. रूपा किसी भी प्रकार के तनाव में न रहे, इसके लिए सभी सावधानियां बरती गईं. 20/21 अप्रैल की रात में रूपा ने चार शावकों को जन्म दिया.
नीचे दब जाने से मौत हो गई
जन्म के समय सभी शावक स्वस्थ थे. रूपा शावकों की देखभाल असामान्य ढंग से कर रही थी. 22 अप्रैल को दूध पिलाते समय एक शावक की रूपा के नीचे दब जाने से उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन अन्य तीन शावक नियमित रूप से रात में दूध पी रहे थे. 22 अप्रैल को सुबह दूध पिलाने के बाद रूपा दिनभर बच्चों के पास वापस नहीं आई थी. इस प्रकार रूपा का शावकों के प्रति व्यवहार, मातृत्व प्रेम और शावकों के प्रति रुचि दूसरी शेरनियों जैसी नहीं है.
दो शावकों को बचाने की कोशिश की
23 जून की रात साढ़े दस बजे दूध पिलाते समय एक अन्य शावक की भी रूपा शेरनी द्वारा अपने नीचे दबाने से मृत्यु हो गई. सीसीटीवी से निगरानी करते समय जैसे ही घटना देखी गई, तत्काल अन्य दो शावकों को बचाने के प्रयास किए गए और रात सवा 12 बजे उन्हें मां से अलग कर लिया गया. अलग किए गए शावकों में से एक शावक चोटिल है, जिसका उपचार तुरंत शुरू कर दिया गया है और दोनों शावकों को नियोनेटल केयर यूनिट में कीपरों और वन्यजीव चिकित्सकों द्वारा देखभाल की जा रही है. उनके स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी की जा रही है.
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