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ISRO के पूर्व चीफ और स्‍पेस साइंटिस्‍ट के. कस्‍तूरीरंगन का निधनISRO के पूर्व चेयरमैन और मशहूर स्‍पेस साइंटिस्‍ट के. कस्‍तूरीरंगन का निधन हो गया है.

बेंगलुरु. ISRO के पूर्व प्रमुख भारत के महान स्‍पेस साइंटिस्‍ट में शुमार और कई सैटेलाइट की लॉन्चिंग में शामिल रहे सीनियर साइंटिस्‍ट के. कस्‍तूरीरंगन का निधन हो गया है. उन्‍होंने 84 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. कस्‍तूरीरंगन सिर्फ स्‍पेस साइंटिस्‍ट नहीं थे, बल्कि विभिन्‍न क्षेत्रों में उनकी पकड़ थी. इसरो के पूर्व प्रमुख महत्‍वकांक्षी न्‍यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के लिए गठित की गई ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन भी थे. NEP को तैयार करने और देश को शिक्षा के मामले में आगे बढ़ाने में उनकी महत्‍वपूर्ण भूमिका रही. बता दें कि कस्‍तूरीरंगन जब इसरो के प्रमुख थे तो INSAT-2 समेत कई सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्‍च किया गया था. उनका नाम देश के महान स्‍पेस साइंट‍िस्‍ट की लिस्‍ट में शामिल है.

अधिकारियों ने बताया कि पूर्व इसरो प्रमुख और महत्वाकांक्षी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लिए गठित ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को बेंगलुरु में निधन हो गया. वह 84 साल के थे. अधिकारियों ने बताया, ‘उनका आज (शुक्रवार 25 अप्रैल) सुबह बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर निधन हो गया. 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा.’ एनईपी में लिस्‍टेड शिक्षा सुधारों के पीछे उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के चांसलर और कर्नाटक नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. उन्होंने राज्यसभा के सदस्य (2003-09) और तत्कालीन भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया था. कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज (बेंगलुरु) के डायरेक्‍टर भी रह चुके थे.

स्‍पेस रिसर्च में बड़ा योगदान
कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने स्‍पेस साइंटिस्‍ट के तौर पर काफी ख्‍याति हासिल की थी. साइंस के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए उन्‍हें भारत सरकार ने साल 1992 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. कस्‍तूरीरंगन ने 1994 से 2003 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष रहे. उन्होंने भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं. साइंस से लेकर प्‍लानिंग और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि और पकड़ थी. यही वजह थी कि उन्‍हें नई शिक्षा नीति बनाने के लिए गठित कमेटी का अध्‍यक्ष तक बनाया गया था.

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ISRO के पूर्व चीफ और स्‍पेस साइंटिस्‍ट के. कस्‍तूरीरंगन का निधन

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