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उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और रिहायशी शहरों में शामिल गाजियाबाद अब स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट मॉडल के रूप में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना रहा है। गाजियाबाद नगर निगम ने ट्रिपल आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल) सिद्धांत के साथ काम करते हुए वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी कार्य किए हैं, उन्हें भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने खुले मंच पर सोशल मीडिया के माध्यम से सराहा है। इस उपलब्धि का श्रेय जाता है नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और उनकी टीम को, जिन्होंने न सिर्फ योजनाएं बनाईं, बल्कि उन्हें धरातल पर भी प्रभावी ढंग से लागू किया।

नगर निगम द्वारा संचालित 40 एमएलडी Tertiary Sewage Treatment Plant (TSTP) प्रोजेक्ट को ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड के अंतर्गत चलाया जा रहा है, जिसे हाल ही में मंत्रालय ने ट्वीटर और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सकारात्मक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। यह प्लांट अब तक हजारों किलोलीटर वेस्ट वाटर को शुद्ध कर दोबारा उपयोग में ला चुका है। इस पहल को लेकर हजारों शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर आयुक्त और पूरी टीम को शुभकामनाएं दी हैं। यह सहयोग गाजियाबाद को एक सशक्त, टिकाऊ और जागरूक नगरी बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।

विकसित शहरों की कतार में शामिल होने की ओर गाजियाबाद
नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि गाजियाबाद वॉटर प्लस प्लस मानकों के अनुरूप अब तक लगभग 35 प्रतिशत वेस्ट वाटर का दोबारा उपयोग कर रहा है। साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, बिल्डिंग निर्माण, सड़कों पर जल छिड़काव, और सेकेंडरी जल जरूरतों को पूरा करने में शोधित जल का व्यापक उपयोग हो रहा है। इससे न केवल जल संकट को नियंत्रित किया जा रहा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

जलकल विभाग का विजन
जलकल विभाग के महाप्रबंधक कामाख्या प्रसाद आनंद ने बताया कि विभाग का उद्देश्य शोधित जल का अधिकतम सदुपयोग करना है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है कि गाजियाबाद का हर बूंद जल लोगों और पर्यावरण के हित में काम आए।

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने वेस्ट वाटर मैनेजमेंट में मिली सफलता पर कहा कि हमारा उद्देश्य है कि गाजियाबाद को न केवल स्वच्छ और सुंदर बनाया जाए, बल्कि जल संसाधनों का सतत और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। वेस्ट वाटर के पुन: उपयोग की दिशा में उठाए गए कदमों को भारत सरकार द्वारा सराहा जाना, हमारे लिए गर्व की बात है। गाजियाबाद नगर निगम वॉटर प्लस प्लस की गाइडलाइंस के अनुसार वेस्ट वाटर का लगभग 35त्न जनहित में री-यूज़ कर रहा है, जिसमें जलकल विभाग अधिकारियों द्वारा विशेष कार्यवाही की जाती है। शोधित जल का उपयोग साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के लिए किया जाएगा, और पूरी योजना गाजियाबाद नगर निगम द्वारा बनाई जा चुकी है, जिसे शीघ्र ही अमल में लाया जाएगा।

विक्रमादित्य सिंह मलिक
म्युनिसिपल कमिश्नर, गाजियाबाद

नगर आयुक्त ने यह भी बताया कि गाजियाबाद नगर निगम जलकल विभाग द्वारा शोधित जल का उपयोग बिल्डिंग निर्माण में भी किया जा रहा है। इसके अलावा, आवश्यकता को देखते हुए पानी छिड़काव का कार्य करने में भी शोधित जल का उपयोग हो रहा है। अन्य स्थानों पर भी, जहां सेकेंडरी जल की आवश्यकता है, वहां वेस्ट वाटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पहल को लेकर हजारों शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर आयुक्त और पूरी टीम को शुभकामनाएं दी हैं। यह सहयोग गाजियाबाद को एक सशक्त, टिकाऊ और जागरूक नगरी बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।

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