-सुबोध श्रीवास्तव की सख्त निगरानी और तेज कार्यशैली बनी तस्करों के लिए अभिशाप
उदय भूमि संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर। गौतमबुद्ध नगर में जैसे ही रात ढलती है और लाइसेंसी शराब की दुकानों के शटर गिरते हैं, उसी पल अवैध शराब माफियाओं की गतिविधियाँ चरम पर पहुँच जाती हैं। तस्कर पहले से ही घात लगाए बैठे होते हैं, और हरियाणा से लाई गई सस्ती शराब को रात के अंधेरे में दो से तीन गुना अधिक दामों पर बेचने के लिए अपना पूरा जाल बिछा देते हैं। इनका सबसे बड़ा निशाना बनते हैं बाहरी जिलों या राज्यों से आने वाले थके हुए वाहन चालक, जो बिना विकल्प के मजबूरी में इनसे शराब खरीद लेते हैं। लेकिन इस बार तस्करों की ये सोची-समझी साजिश ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकी, क्योंकि जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव की दूरदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और मजबूत खुफिया तंत्र ने इनके पूरे नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी है। उनकी रणनीति ने न सिर्फ तस्करों के हौसले पस्त किए हैं, बल्कि जिले में अवैध शराब के इस काले कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकने की दिशा में एक बड़ी जीत भी दिलाई है।
जिले में आबकारी विभाग के मुखिया सुबोध कुमार श्रीवास्तव की सख्त निगरानी और तेजतर्रार कार्यशैली तस्करों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं साबित हो रही है। उनके प्रशासनिक अनुभव, विश्लेषणात्मक सोच और रणनीतिक कौशल ने जिले में अवैध शराब कारोबारियों की पूरी चेन को हिलाकर रख दिया है। श्रीवास्तव न केवल आदेश देते हैं, बल्कि खुद मैदान में उतरकर हर कार्रवाई की मॉनिटरिंग करते हैं। उनके नेतृत्व में आबकारी विभाग की टीमें चौबीसों घंटे अलर्ट मोड में कार्यरत हैं। चाहे धूप हो या बारिश, रात हो या भोर, विभागीय अधिकारी सड़क से लेकर गली-कूचों तक निरंतर दबिश, निगरानी और चेकिंग अभियान चला रहे हैं। यही कारण है कि जिले में अवैध शराब तस्करी पर लगाम कसने में गौतमबुद्ध नगर अब एक मिसाल बनता जा रहा है। श्रीवास्तव की ये मुहिम अब सिर्फ कानून की लड़ाई नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुधार की दिशा में निर्णायक कदम बन चुकी है।
जिला आबकारी अधिकारी की कार्यशैली की सबसे बड़ी ताकत है उनकी त्रिस्तरीय रणनीति— सटीक इनपुट, फौरन एक्शन और जीरो टॉलरेंस। श्रीवास्तव न सिर्फ अपराध के सुरा$गों को बारीकी से पकड़ते हैं, बल्कि त्वरित कार्रवाई के लिए अपनी टीम को पहले से अलर्ट रखते हैं। उनका कोई रियायत नहीं वाला स्पष्ट संदेश तस्करों के लिए एक चेतावनी बन चुका है। यही वजह है कि गौतमबुद्ध नगर, जहां कभी रात में अवैध शराब का बोलबाला हुआ करता था, आज अन्य जिलों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और नियंत्रित माना जा रहा है। अवैध शराब की तस्करी पर नकेल कसने में श्रीवास्तव की यह रणनीति पूरे प्रदेश में एक मिसाल बनती जा रही है, जिससे न सिर्फ अपराध पर लगाम लगी है बल्कि जनता में भी कानून-व्यवस्था को लेकर भरोसा और मजबूत हुआ है।
सूरजपुर में तस्कर गिरफ्तार, 11 बोतलें बरामद
आबकारी विभाग और थाना सूरजपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने तस्करों की कमर तोडऩे के अभियान के तहत एक अहम सफलता हासिल की। विभाग के तेजतर्रार निरीक्षक चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में, जिले के संवेदनशील इलाकों में देर रात तक सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। इसी दौरान सूरजपुर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय एक शातिर तस्कर राजू पुत्र नन्द राम को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। तस्कर के पास से हरियाणा मार्का की चांस फोर्ड ब्रांड की 11 बोतल अवैध शराब बरामद हुई, जिसे वह स्थानीय बाजार में दो से तीन गुना दामों पर बेच रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजू इलाके में अवैध शराब तस्करी का एक बड़ा नाम बन चुका था और उसकी गतिविधियों पर विभाग की पैनी निगाह काफी समय से बनी हुई थी। राजू के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा के तहत कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह केवल शुरुआत है विभाग आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे करने को तैयार है।
जिले में नहीं चलेगा अवैध शराब का खेल
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का संदेश जितना स्पष्ट है, उतना ही सख्त भी है। गौतमबुद्ध नगर की धरती पर अब अवैध शराब की एक बूँद भी नहीं बिकेगी। या तो तस्कर खुद को सुधार लें, वरना उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि उनके संकल्प और कार्यशैली का जीवंत उदाहरण है। श्रीवास्तव न सिर्फ अपने शब्दों पर अडिग रहते हैं, बल्कि हर कार्रवाई से यह सिद्ध भी कर रहे हैं कि कानून तोडऩे वालों के लिए अब इस जिले में कोई जगह नहीं बची है। उनके इस दृढ़ नेतृत्व और अथक प्रयासों का असर अब साफ दिखने लगा है। जिले में अवैध शराब का कारोबार धीरे-धीरे दम तोड़ रहा है, और तस्करों की कमर टूटती नजर आ रही है। यह परिवर्तन न केवल प्रशासनिक सफलता का प्रतीक है।
शिकायत कागजों तक नहीं, कार्रवाई जमीन पर भी दिखेगी
गौतमबुद्ध नगर में अवैध शराब के खिलाफ छेड़ी गई जंग ने अब निर्णायक मोड़ ले लिया है। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में चल रहा अभियान न सिर्फ तस्करों के होश उड़ाने वाला साबित हो रहा है, बल्कि यह जिले में कानून व्यवस्था की सख्ती और पारदर्शिता की नई मिसाल भी कायम कर रहा है। एक ओर जहाँ रात के अंधेरे में शराब माफिया अपने मुनाफे की लालच में सक्रिय हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात की परवाह किए बिना इन पर नकेल कसने में जुटी हैं। जिले में अवैध शराब, ओवर रेटिंग और तस्करी की हर कोशिश को रोकने के लिए विभाग ने न केवल जमीन पर कार्रवाई तेज की है, बल्कि गुप्त जांच, तत्काल कार्रवाई और कड़े फैसलों के जरिए यह साफ कर दिया है कि अब कानून तोडऩे वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है।
जिला आबकारी अधिकारी
यह खबर सिर्फ छापेमारी या गिरफ्तारी की नहीं, बल्कि उस मजबूत नेतृत्व की कहानी है जो जिले को अपराधमुक्त और जवाबदेह प्रशासन की ओर ले जा रहा है। जिले में शराब दुकानों पर ओवर रेटिंग की बढ़ती शिकायतों को जड़ से खत्म करने के लिए जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने मोर्चा खुद संभाल लिया है। जहां एक ओर विभागीय टीमें सख्त एक्शन में हैं, वहीं खुद अधिकारी भी हर शिकायत की मॉनिटरिंग करते हुए मौके पर पहुंचकर कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं। दुकानों पर गुप्त टेस्ट परचेजिंग की कार्रवाई को और तेज किया गया है ताकि किसी भी ओवर रेटिंग की पुष्टि की जा सके। अगर कोई शिकायतकर्ता बार-बार बेवजह परेशान करता है, तो इसकी जांच भी विभाग खुद करेगा।
लाइसेंस होगा रद्द
अगर किसी दुकान पर ओवर रेटिंग की शिकायत सही पाई गई, तो अनुज्ञापी का लाइसेंस तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। नियम के विपरीत कार्य करने वालों की जिले में कोई जगह नहीं है। हर शिकायत का समाधान सिर्फ दफ्तरों में नहीं, मौके पर जाकर किया जा रहा है। विभाग की यही प्रतिबद्धता जिले में ईमानदारी और पारदर्शिता की नई मिसाल कायम कर रही है। श्रीवास्तव का कहना है, आमजन ही हमारे कान और आंख हैं। यदि वे शिकायत कर रहे हैं तो हम उसे पूरी गंभीरता से लेते हैं। कार्रवाई सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं होगी।
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