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Meerut Metro Ground Report News : मेरठ मेट्रो की बात की जाए तो तेजी से ही कार्य किया जा रहा है. एक तरफ जहां मेट्रो ट्रेन के संचालन की प्रक्रिया पांच स्टेशनों पर जारी है. वहीं मेरठ मेट्रो सहित स्टेशन पर कार्य को अंतिम रूप…और पढ़ें

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सांकेतिक फोटो

 विशाल भटनागर, मेरठ :  मेट्रो ट्रेन के माध्यम से सफर करने की सोच रहे मेरठवासियों के लिए अच्छी खबर है. मेरठ साउथ स्टेशन से सेंट्रल स्टेशन तक जहां मेट्रो ट्रेन ट्रायल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर स्टेशन के निर्माण कार्यों को लेकर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. ऐसे में लोकल-18 की टीम द्वारा मेरठ सेंट्रल स्टेशन पर ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए वहां की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली.

सड़क से 16 मीटर गहराई में है स्टेशन

गाजियाबाद से मेरठ की तरफ कॉरिडोर की अगर बात की जाए तो मेरठ सेंट्रल स्टेशन पहला ऐसा स्टेशन है. जो अंडरग्राउंड बनाया गया है. इसके बाद भैसाली और बेगमपुल भी अंडरग्राउंड स्टेशन है.
सेंट्रल स्टेशन की गहराई की बात की जाए. तो यह मुख्य सड़क से 16 मीटर गहराई में बनाया गया है. स्टेशन की लंबाई 283 मीटर के आसपास है. इसमें फ्री पानी से लेकर शौचालय तक की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. साथ ही आधुनिक सुविधाओं के बीच लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. इसी के साथ ही ट्रैक इसका लगभग तैयार हो चुका है. ओएचही भी लग चुका है. जिससे कि आधुनिक सुविधाओं के बीच जब इस मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू किया जाए. तो यात्रियों को सफर करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना

ट्रायल प्रक्रिया पर किया जा रहा है फोकस

मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की अगर बात की जाए तो मेरठ साउथ स्टेशन से परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी और मेरठ सेंट्रल स्टेशन से ठीक पहले तक मेट्रो ट्रेन का संचालन से पूर्व ट्रायल प्रक्रिया पर कार्य चल रहा है. जिससे कि भविष्य में जब मेरठ मेट्रो का संचालन किया जाए तो यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो.  क्योंकि ट्रायल रन की अगर बात की जाए तो अंतरराष्ट्रीय मानक प्रक्रिया के अनुसार ट्रेनों के विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं. इनमें यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेनों में सैंडबैग भरकर वजन परीक्षण करना और ट्रेनों की गतिशील परिस्थितियों में सुरक्षा संबंधी जांच शामिल है. साथ ही इस प्रक्रिया में यात्रियों के लिए राइडिंग कम्फर्ट या आरामपूर्वक यात्रा का भी मूल्यांकन किया जाता है. इसके लिए ट्रेनों को कॉरिडोर में ट्रैक पर उपलब्ध विभिन्न मोड़ों पर चलाया जाता है. इसके अलावा, सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), ओवरहेड सप्लाई सिस्टम आदि जैसे विभिन्न उप-प्रणालियों के साथ इसके समन्वय को सत्यापित करने के लिए ट्रेन के एकीकृत प्रदर्शन की जांच करने हेतु कुछ परीक्षण भी किए जाते है.

23 किलोमीटर परिक्षेत्र में दौड़ेगी मेट्रो

बताते चलें कि मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है, जिसमें 18 किमी एलिवेटेड और 5 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड है. इसके लिए 3 भूमिगत स्टेशन समेत कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनके नाम मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो है. इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों सेवाएं उपलब्ध होंगी. मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, बाकी स्टेशन एलिवेटेड होंगे. ऐसे में संभावना है कि अप्रैल माह तक मेरठवासी मेरठ साउथ स्टेशन से मेट्रो के माध्यम से मेरठ सेंट्रल तक सफर कर सके. क्योंकि जिस तरीके से कार्य चल रहा है. उसे संभावना है कि पूरे कॉरिडोर को 2025 तक कंप्लीट कर लिया जाएगा.

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मेरठ में कब तक दौड़ पाएगी मेट्रो? कितना तैयार हो चुका है सेंट्रल स्टेशन?

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