गाजियाबाद में संचालित फिटजी कोचिंग का सेंटर अचानक से बंद हो गया। ऐसे में सेंटर में पढ़ रहे 800 से अधिक छात्र मुश्किल में आ गए हैं। कोचिंग सेंटर के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है आरोप है कि यह कोचिंग बिना किसी पंजीकरण के चल रही थी और अचानक बंद हो गई, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं से महीनों पहले इसके 800 से अधिक छात्र संकट में आ गए।
मंगलवार को शिक्षा विभाग द्वारा फिटजी प्रबंधन के खिलाफ औपचारिक शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। अधिकारियों के अनुसार राजनगर जिला केंद्र में स्थित इस केंद्र ने अपने 800 छात्रों में से प्रत्येक से 3. 5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए के बीच एडवांस फीस ली थी। कोचिंग सेंटर के छात्र कक्षा 9वीं से 12 वीं तक में नामांकित हैं और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) के निर्देशों के बाद हमारे विभाग की एक टीम ने रिकॉर्ड की समीक्षा की और दिए गए पते पर फिटजी केंद्र के लिए कोई पंजीकरण नहीं पाया। यह यूपी कोचिंग विनियमन अधिनियम 2002 का स्पष्ट उल्लंघन है।
ऐसे पकड़ में आया मामला
सोमवार को FIITJEE केंद्र अधिकारियों की नजरों में तब आया जब अभिभावकों के एक समूह ने जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई कि कोचिंग संस्थान ने बिना किसी पूर्व सूचना के कक्षाएं बंद कर दी हैं। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई जांच में पता चला कि अधिकांश शिक्षकों ने वेतन न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है, जिससे छात्रों की शैक्षणिक तैयारी अव्यवस्थित हो गई है। शास्त्री नगर के एक अभिभावक मनीष गुप्ता, जिनका बेटा 11वीं में है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ महीनों से कक्षाएं अनियमित थी। उन्होंने कहा कि मैंने चार साल के लिए फीस के रूप में 4 लाख रुपए का भुगतान किया है। लेकिन प्रबंधन पिछले तीन महीनों से लगातार कक्षाएं रद्द कर रहा है। इसने मेरे बेटे की JEE की तैयारी को बुरी तरह प्रभावित किया है।
शिक्षा विभाग ने दर्ज कराई FIR
TOI की रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल अपने दोनों बच्चों को कोचिंग सेंटर में दाखिला दिलाने वाले एचआर कपूर ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमने 3।5 लाख रुपए एडवांस फीस के तौर पर चुकाए हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों से कक्षाएं अनियमित हैं। स्थिति तब स्पष्ट हुई जब जनवरी में प्री-बोर्ड शुरू हुए और प्रवेश परीक्षाएं नजदीक आईं। शिक्षा विभाग ने सोमवार शाम कविनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि जांच से यह स्पष्ट है कि केंद्र चलाने वाले लोगों ने अभिभावकों/बच्चों को धोखा दिया और उनसे फीस वसूली।