Ballia: सर्दी के मौसम में फूल गोभी जमकर होती है लेकिन इसमें कई रोगों के लगने का खतरा भी होता है. एक्सपर्ट से जानें कि कैसे फूलगोभी को तमाम बीमारियों से बचा सकते हैं.
बलिया: आज हम एक ऐसी फसल के बारे में बात करेंगे जो कम समय में ज्यादा मुनाफा देने के कारण किसानों के लिए खास बन गई है. हालांकि इस फसल में सावधानी बहुत जरूरी होती है. थोड़ी सी लापरवाही पूरी फसल को बर्बाद कर सकती है. यहां फूल गोभी की बात हो रही है जिसमें अलग-अलग प्रकार की जटिल समस्याएं आती हैं लेकिन कुछ ऐसे आसान तरीके हैं जिनका उपयोग कर न केवल फसल को सुरक्षित किया जा सकता है बल्कि पैदावार भी दोगुनी हो सकती है.
जानते हैं एक्सपर्ट की एडवाइज
बलिया के श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि, ‘देसी फूल गोभी विशेष करके जाड़े की बड़ी महत्वपूर्ण फसल है और एक जमाना हुआ करता था कि लोग फूलगोभी की सब्जी खाने के लिए जाड़े का इंतजार किया करते थे’. आज के दौर में तो गोभी 12 महीने उपलब्ध है. इसकी फसल लगभग ढाई से 3 महीने में तैयार हो जाती है. इसकी तुड़ाई, फूल का आकार, रंग और मार्केट वैल्यू के हिसाब से की जाती है.
पूरे फसल को बर्बाद कर देती है ये बीमारियां
नर्सरी और रोपाई के समय फफूंद के कारण डैम्पिंग-ऑफ की बीमारी आती है. इसमें दो पत्ती आने के बाद तना गलने लगता है. इसके बाद, पौधे में सिकुड़न यानी गुरचावारा रोग लग जाता है. आगे चलकर, बोरान और नाइट्रोजन की कमी से तना खोखला बीमारी आती है. अंत में एक गंभीर समस्या आती है जिसमें फूलों का रंग बिगड़ जाता है. तेज ठंड पड़ने पर बोरान की कमी से इसका रंग हल्का सा नीला, गुलाबी या बैगनी हो जाता है.
समय रहते करें ये आसान उपाय, बंपर होगी पैदावार
बोरान की कमी के लिए किसान भाई .2 प्रतिशत का बोरीक एसिड पाउडर का घोल बनाकर फूल आते समय ही एक छिड़काव कर दें. कार्बेंडाजिम या फिर ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सिक्लोराइड) का 20 ग्राम दवा को 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से डंपिंगअप या फिर तना सड़न की समस्या खत्म हो जाती है. गोभी के रंग बिगड़ने के कारण कीमत भी कम हो जाती है. तेज धूप होने पर ब्रांचिंग विधि यानी एक पत्ते को तोड़ कर फूल को ढक दें.
ऐसे बढ़ाएं बाजार में कीमत
ध्यान दें, कि तुड़ाई और कटाई करते समय गोभी ज्यादा न सूखने पाए. पैकेजिंग करते समय बोरे से रगड़कर भी कभी-कभी फफूंद के कारण इनका रंग बिगड़ जाता है. इसके लिए पैकिंग ठीक से करें. जब पौधा लगभग एक से डेढ़ महीने का हो जाए तो एक बार डेढ़ किलो डीएपी का घोल बनाकर छिड़काव करें. इससे काफी दिक्कतें अपने आप खत्म हो जाती हैं. उर्वरकों का कम से कम प्रयोग करते हुए खाद का इस्तेमाल करके गुणवत्ता युक्त और स्वादिष्ट गोभी उगाई जा सकती है.
Ballia,Uttar Pradesh
January 14, 2025, 10:36 IST
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