अब किसान हरप्रीत अपने पिता के साथ मिलकर आलू की खेती कर रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 90 एकड़ में आलू लगा हुआ . वह अब अपने पिता के साथ खेती आधुनिक तरीके से कर रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है.
आलू की खेती का जुगाड़
किसान बताते हैं कि खेती में सिंचाई के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं. इसके तहत पारंपरिक सिंचाई की जगह स्प्रिंकलर सिंचाई की नई तकनीकों ने जगह बनाई है. इस नई तकनीक से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. इस तकनीक से आलू की सिंचाई करने से अच्छा उत्पादन मिलता है.
आलू की फसल बर्बाद भी नहीं होती है. क्योंकि आलू की फसल में पानी की आवश्यकता कम होती है. युवा किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि स्प्रिंकलर सिंचाई से खेतों में पानी भरा नहीं रहता है जिससे आलू की फसल खराब नहीं होती है. उन्होंने बताया कि आलू की कुछ वैरायटी 90 दिन में तैयार होती है, तो कुछ 120 दिन में. इससे खेती से वो हर साल करोड़ रुपये कमा रहे हैं.
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ठंड के मौसम में करते हैं ये उपाय
ठंड का मौसम आते ही किसान आलू की बुवाई में जुट जाते हैं. कम लागत में अधिक मुनाफे वाली इस सब्जी की डिमांड सबसे अधिक होती है. इस फसल से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी होता है. बाजारों में आलू की डिमांड सालभर रहती है. आलू की खेती के लिए लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. मिट्टी में जैविक पदार्थ की अच्छी मात्रा होनी चाहिए. पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए. खेती करने के लिए किसानों को अधिक रुपए की आवश्यकता नहीं होती है. कम लागत में आलू की खेती की जा सकती है. बाजार में इस समय आलू 25 रुपए से लेकर 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.
Tags: Agriculture, Local18, UP news
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