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वाराणसी: बसंत पंचमी के दिन देश भर में लोग विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं. इस दिन घर और ऑफिस से लेकर शिक्षण संस्थानों तक ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. ज्ञान प्राप्ति और सरस्वती की कृपा पाने के इस दिन का खास महत्व है. पूजा-पाठ के सही लाभ के लिए इनकी तिथि और मुहूर्त का बड़ा महत्व होता है. इस बार बसंत पंचमी की तारीख को लेकर थोड़ा कंफ्यूजन की स्थिति है. आइये जानते हैं बंसत पंचमी की सही तारीख क्या है.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से हो रही है जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार बंसत पंचमी का महापर्व 3 फरवरी के दिन मनाया जाएगा. इसको लेकर किसी को कोई भ्रम पालने की जरूरत नहीं है.

ये है पूजा का शुभ समय

वैदिक पंचांग के अनुसार इस दिन सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक का समय माता सरस्वती के पूजा के लिए बेहद खास है. इस समय में पूजा के दौरान माता सरस्वती को पीला फूल, पीली मिठाई और पीला वस्त्र जरूर अर्पण करें और उन्हें पीला या लाल गुलाल भी जरूर चढ़ाएं. इससे माता सरस्वती की कृपा भक्तों पर बनी रहती है.

करें ये उपाय

जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं उन्हें भी इस दिन माता सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा के सामने अपनी किताब रखकर उसकी पूजा करनी चाहिए और माता सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि की कामना करनी चाहिए. इससे विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है.

FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 18:19 IST

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