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संजय यादव/बाराबंकी : सर्दियों क़े सीजन में तमाम तरह की सब्जियों की खेती की जाती है. क्योंकि सर्दियों के मौसम में कई ऐसी सब्जियां होती हैं, जिनकी डिमांड भरपूर रहती है. जिससे इन सब्जियों की खेती करके किसान अच्छी खासी कमाई करते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं टमाटर की. ये एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती सालभर की जाती है और मार्केट में टमाटर की डिमांड हमेशा ही बनी रहती है. यही कारण है किसान बड़े पैमाने पर  टमाटर की खेती करते हैं और उन्हें यह खेती मुनाफे का सौदा साबित होती है. टमाटर की फसल ज्यादा उत्पादन के साथ तगड़ा मुनाफा भी देती है.

उत्तर प्रदेश क़े बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा ने पारंपरिक खेती के साथ टमाटर की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ. आज करीब एक एकड़ की जमीन पर वह टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग एक से दो लाख रुपए मुनाफा एक फसल पर हों रहा है.

टमाटर की खेती कर रहे प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि टमाटर की खेती धान गेहूं के मुकाबले ज्यादा अच्छी होती है. इस समय हमारे पास करीब एक एकड़ की जमीन पर साहू किस्म का टमाटर लगा है.  जिसमें लागत करीब एक बीघे में 25 से 30 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक से दो लाख रुपए तक हो जाता है. क्योंकि यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक पैदावार देती है और इसकी फ्रूटिंग बहुत अच्छी होती है. इसके फल बड़े होते हैं और शाइनिंगदार होते हैं. एक बीघे में करीब  400 कैरेट फल निकलता है. इसकी खेती हम मल्च विधि से करते हैं. जिससे कि  पौधों में सड़न व रोग कम लगता है. जिससे कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कम करना पड़ता है.

इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. सबसे पहले हम इसकी नर्सरी तैयार करते हैं. उसके बाद खेत की जुताई कर पूरे खेत में  बेड बनाकर मल्च बिछा देते हैं. फिर इसमें टमाटर के पौधे लगाए जाते हैं. उसके बाद इसकी सिंचाई करते हैं. फिर इसके पौधे में जैविक खाद व कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है. जिससे पौधा अच्छा चलता है और रोग भी नहीं लगता. वहीं पौधा लगाने के दो महीने बाद फसल निकलनी शुरू हो जाती है. जो की करीब 3 से 4 महीने तक चलती है.

FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 09:07 IST

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