कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी ने दिए टिप्स
ऐसे में सहारनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व प्रोफेसर डॉक्टर आईके कुशवाहा ने किसानों को आलू की फसल को ठंड और पाले से बचने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं, जिसमें सबसे पहले किसान को सल्फर का 2 किलो ग्राम के हिसाब से प्रति बीघा में बिखराव करना है. साथ ही छिड़काव में एक एकड़ खेत में 300 लीटर पानी में 1 किलो सल्फर (घुलनशील गंधक) डालकर फसल पर छिड़काव करना है.
जमीन में सल्फर का बिखराव करने से जमीन का टेंपरेचर बढ़ता है. जहां फफूंद रोग भी कंट्रोल हो जाता है. साथ ही फसल पर चूल्हे की राख का बिखराव करने से पत्ते पर पड़ने वाले पाले का पत्ती से सीधा संपर्क टूट जाता है. पाला पड़ने पर आलू की फसल में सिंचाई ना करें. अगर सामान्य दिन में भी सिंचाई करनी है, तो धूप में ही करें.
आलू की फसल की ऐसे करें बचाव
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि इस समय मौसम में काफी बदलाव देखा जा रहा है. हल्की बूंदाबांदी से टेंपरेचर भी कम होता जा रहा है. आलू उत्पादन किसानों को सलाह है कि अगर आलू की फसल में पत्तियों के झुलसने जैसी समस्या, पत्तियों में कालापन आ जाता है. आलू के कंद गलने लगते हैं.
ऐसे में धीरे-धीरे फसल की बढ़ोतरी रुक जाती है. वह भी बैठने की कगार पर पहुंच जाती है. जैसे ही आलू की फसल में हल्के लक्षण दिखाई दें, उस समय तुरंत सल्फर का 2 किलो ग्राम के हिसाब से प्रति बीघा में बिखराव करना है. साथ ही छिड़काव में एक एकड़ खेत में 300 लीटर पानी में 1 किलो सल्फर (घुलनशील गंधक) डालकर फसल पर छिड़काव करना है.
सल्फर के बिखराव से बढ़ता है जमीन का टेंपरेचर
जहां जमीन में सल्फर का बिखराव करने से जमीन का टेंपरेचर बढ़ता है. साथ ही फफूंद रोग भी कंट्रोल रहता है. साथ ही छिड़काव करने से पौधे का टेंपरेचर बढ़ता है. जहां चूल्हे की राख का छिड़काव करने से पत्ते पर पड़ने वाले पाले का पत्ती से सीधा संपर्क टूट जाता है. इसके अलावा सड़े हुए छाछ का उपयोग कीटनाशक के तौर पर कर सकते हैं. ये भी फसल को पाले से बचाने में प्रभावी है. पाला पड़ने पर आलू की फसल में सिंचाई ना करें और अगर सामान्य दिन में भी सिंचाई करनी है तो धूप में ही करें.
Tags: Agriculture, Hindi news, Local18, Saharanpur news, UP news
FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 10:48 IST
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