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शाहजहांपुर : प्रदेश भर में कई जगह पर बारिश और कई जगह पर हुई हल्की बूंदा-बांदी से मौसम ने अचानक करवट ली है. तापमान में पिछले दो दिन से गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में रबी की मुख्य फसल गेहूं के लिए भी यह समय बेहद ही मुफीद हो गया है. जिन किसानों ने गेहूं की अगेती बुवाई की थी, उनकी फसल में अब दूसरी सिंचाई का यह सही समय है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दूसरी सिंचाई करें या न करें. अगर पर्याप्त बारिश नहीं हुई है तो सिंचाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखना है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एन.सी. त्रिपाठी ने बताया कि गेहूं की फसल में पहली सिंचाई 20 से 25 दिन में की जाती है और दूसरी सिंचाई 40 से 45 दिनों में की जानी चाहिए लेकिन किसान मौसम का भी ध्यान रखें. अगर उनके क्षेत्र में बारिश हुई है और खेत में पर्याप्त नमी हो गई हो तो ऐसे में सिंचाई बिल्कुल भी ना करें लेकिन जरूरत पड़े तो सिंचाई कर सकते हैं.

कब करें दूसरी सिंचाई?
दूसरी सिंचाई करने के लिए 40 से 45 दिन का समय उपयुक्त होता है. सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि खेत में जल भराव ना हो पाए. गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई करें. कोशिश करें कि सिंचाई के बाद तुरंत पानी दूसरे खेत में निकाल दें. ऐसा करने से गेहूं के पौधे हरे भरे रहेंगे. क्योंकि जल भराव होने से कई बार गेहूं के पौधों में पीलापन आ जाता है. जिससे पौधों की ग्रोथ रुक जाती है.

नाइट्रोजन की दूसरी डोज दें
दूसरी सिंचाई करने के बाद जब खेत में पैर टिकने लगे तो किसान नाइट्रोजन की दूसरी डोज दे सकते हैं. जिन किसानों ने बेसल डोज में फास्फेटिक खाद और पहले सिंचाई के बाद 40 से 50 किलो नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया है. वह अब दूसरी सिंचाई के बाद इतनी ही मात्रा में फिर नाइट्रोजन का छिड़काव कर सकते हैं. ऐसा करने से गेहूं के पौधे हरे-भरे बने रहेंगे और कल्ले की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी. पौधे मजबूत होंगे, जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा.

FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 14:43 IST

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