संजय यादव/बाराबंकी : बाराबंकी बहराइच के अलावा कई जिलों के साथ नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाले हाईवे पर बाराबंकी के रामनगर सरयू नदी पर दूसरा पुल बनाने की कवायद तेज हो गई है. केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद अब एनएचएआई इसके डीपीआर के साथ स्टीमेट बनाने की प्रक्रिया में जुटा है. इसके निर्माण पर तीन सौ करोड़ रुपये खर्च आयेगा. पुल के निर्माण से जर्जर हो चुके संजय सेतु पर आवागमन कम हो जाएगा. साथ ही ट्रैफिक लोड के कारण होने वाले जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.
बाराबंकी-जिले के तहसील रामनगर क्षेत्र से निकली सरयू नदी दोनों जिलों की सीमाओं का विभाजन करती है. संजय सेतु की आधारशिला अप्रैल 1981 में रखी गई थी. इसका निर्माण वर्ष 1984 में पूरा हुआ. पुल पर यातायात के बढ़ते दबाव के बाद वर्ष 2016 में इस सड़क को नेशनल हाईवे का दर्जा मिला था. वर्तमान में संजय सेतु पर यातायात का दबाव अधिक हो गया है. इस कारण जर्जर हुए संजय सेतु के ज्वाइंटों की अब तक कई बार मरम्मत की जा चुकी है. वहीं इस पर लोड कम करने के लिए दूसरे पुल का निर्माण कराया जाएगा.
वहीं राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि बाराबंकी-बहराइच हाईवे को फोर लेन करने के दौरान संजय सेतु के अलावा दूसरा पुल बनाने की प्रक्रिया चल रही है. केंद्र सरकार की अनुमति के बाद पिछले साल एनएचएआई स्तर से इसके लिए सर्वे कार्य भी पूरा किया जा चुका है. नया पुल संजय सेतु व रेलवे पुल के बीच में बनाया जायेगा. इसके निर्माण में तीन से चार साल का समय लगने का अनुमान है. इस पुल के बनने से जहां लखनऊ, बहराइच, नेपाल आने जाने वाले लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत मिलेगी.
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