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दो मैनेजर और दो कर्मचारी समेत चार गिरफ्तार
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दो बोतल बाहरी राज्यों की और 23 बोतल संदिग्ध बरामद
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महंगे ब्रांड के नाम पर फिर से ग्राहकों को सस्ती शराब परोसने को थी तैयारी
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अवैध शराब के संगठित नेटवर्क को तोड़ने में आबकारी अधिकारी के रणनीति ने किया काम
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नववर्ष से पहले होगा जिले में शराब तस्करों का सफाया, सड़कों पर आबकारी की फौज ने संभाला मोर्चा
गौतमबुद्ध नगर। जनपद में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम ने यूपी का लाइसेंस लेकर बाहरी राज्यों की शराब का भंडाफोड़ किया है। जिसमें दो मैनेजर और दो कर्मचारी है। आबकारी विभाग के छापेमारी में पकडी गई बाहरी राज्यों के अलावा कई बोतल संदिग्ध पाई गई है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि उक्त बोतल में मिलावटी शराब है। यह सब जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेंगा। गौरतलब हो कि गार्डन ग्लेरिया में खुले बारों में अवैध शराब का यह मामला कोई पहला नहीं है। पूर्व में आबकारी विभाग की टीमें यहां पर कार्रवाई कर चुकी है। जिसमें ग्राहकों को महंगी शराब की बोतल में सस्ती शराब भरकर उनकी जेब पर डाका डाला जाता था। इस बार भी आबकारी विभाग की कार्रवाई में ऐसा ही देखने को मिला है। लेकिन इस बार शराब की बोतलें बार रेस्टोरेंट से नहीं बल्कि उसके स्टोर रूम से बरामद हुई है। जिसमें बाहरी राज्यों की दो बोतल और 23 बोतल संदिग्ध थी। जिनकी सील पैकिंग भी खुली हुई थी। अवैध शराब को लेकर आबकारी विभाग की टीमें दिन रात करवाई कर रही है, मगर कारवाई के बाद भी बार रेस्टोरेंट संचालकों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।
बार रेस्टोरेंट पर आने वाले लोगों को पैसे तो महंगे ब्रांड के नाम वसूले जाते है, मगर उन्हें महंगे ब्रांड के नाम पर सस्ती शराब का सेवन कराया जाता है, इसका पता ग्राहकों को भी बिल्कुल पता नहीं चलता है। क्योंकि बार रेस्टोरेंट में मौजूद कर्मचारी शुरुआती उन्हें उनकी ही मांग अनुसार शराब का सेवन कराते है, मिलावटी शराब तो उन्हें दूसरे और तीसरे बार में दिया जाता है। इस काम में कौन कौन शामिल है, इसकी अभी जांच चल रही है। लेकिन जिस तरह से बार और रेस्टोरेंट में यह अवैध धंधा चल रहा है, किसकी सह पर है इसका आज तक पता नहीं चला है। जिले की कमान संभालने के बाद में आबकारी अधिकारी की सबसे बड़ी उपलब्धि अगर देखा जाए तो शायद यही है कि जिले को अवैध शराब के कारोबार से पूरी तरह मुक्त करने के बाद बार और रेस्टोरेंट में चल रहे अवैध धंधे का एक नहीं बल्कि दो बार कर चुके है। जहां पूर्व में हुई कार्रवाई के दौरान ही संबंधित इंस्पेक्टर को भी चेतावनी दी गई थी। क्योंकि जिस तरह से जिले में कोई भी घटना होने पर उसकी जिम्मेदारी अधिकारी की होती है, ठीक उसी तरह क्षेत्र की कमान संभाल रहें संबधित इंस्पेक्टर की भी होती है। आबकारी अधिकारी ने बार रेस्टोरेंट में बरामद हुई अवैध शराब के मामले में दो मैनेजर और दो कर्मचारियों को गिरफ्तार करते हुए लाइसेंस सस्पेंड की कारवाई भी शुरू कर दी है।
जिला बकरी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि आगामी कुछ दिन बाद नववर्ष का पर्व है। नववर्ष को लेकर आबकारी विभाग की टीमें अपने अपने क्षेत्र में चेकिंग और छापेमारी की कारवाई कर रही है। शुक्रवार देर रात को मुखबिर से सूचना मिली कि गार्डन गैलेरिया में स्थित एक बार में अवैध रूप से शराब रखी है। जहां पर ग्राहकों को महंगे ब्रांड के नाम पर सस्ती शराब का सेवन कराया जा रहा है। मुखबिर की सूचना मिलते ही आबकारी अधिकारी ने बिना देरी किए आबकारी निरीक्षक रवि जायसवाल के साथ आबकारी निरीक्षक गौरव चंद और अभिनव शाही की संयुक्त टीम गठित करते हुए कारवाई के लिए निर्देश दिए।
टीम द्वारा रात्रि में गार्डन गैलेरिया मॉल के मुख्य भवन के लोअर बेसमेंट में माय बार रेस्टोरेंट के स्टोर रूम में तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान 2 बोतल अन्य प्रांत की एवं 23 अन्य संदिग्ध बोतलें बरामद हुई। जिसमें मौके से दो मैनेजर संदीप और सतीश और दो कर्मचारी राजेश प्रजापति और अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। उक्त बार अनुज्ञापन के विरुद्ध अग्रेतर वैधानिक कार्यवाही को सुनिश्चित किया जा रहा है।
बाहरी और मिलावटी शराब से कर रहें थे हर दिन हजारों की कमाई
एक तरफ जिले को अवैध शराब से मुक्त करने में आबकारी विभाग की टीम दिन रात अपना पसीना बहा रही है तो वही आबकारी विभाग की आंख में धूल झोंक कर बार और रेस्टोरेंट के कर्मचारी अपनी कमाई के लिए लोगों की जेब पर डाका तो डाल ही रहे है, साथी ही विभाग की छवि को भी धूमिल करने का का काम कर रहे है। जबकि आबकारी विभाग से उक्त माय बार रेस्टोरेंट के मालिक ने एक दो दिन नहीं बल्कि पूरे साल का लाइसेंस लिया हुआ है। जिससे यह तो स्पष्ट हो गया कि विभाग को लाखों रुपए की मोटी रकम देने के बाद कोई मालिक हजार दो हजार रुपए के लिए तो यह सब छोटा काम नहीं करेगा। यह अवैध कब से हो रहा था इस बात की भी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन ग्राहकों से महंगे ब्रांड के नाम पर सस्ती शराब पिलाना भी एक बड़ा अपराध है, क्योंकि जिस तरह से पकड़े गए आरोपी ग्राहकों को मिलावटी शराब का सेवन कर थे, शायद ये घातक भी हो सकती है। जिले में आने के बाद सबसे पहले अधिकारी ने अपनी मेहनत और कारवाई के दम पर जनपद गौतमबुद्ध नगर को एक सुरक्षित माहौल दिया है। नहीं जिले की जो हालत पूर्व में थी वह किसी से आज भी छिपी नहीं है। विभाग के राजस्व को बढ़ाने के साथ शराब तस्करों पर कारवाई के लिए भी एक आयाम स्थापित किया है।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में राजस्व बढ़ोतरी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। नववर्ष को लेकर जनपद के लोगों में अलग ही उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। इस बीच आबकारी विभाग की टीम ने भी काफी अच्छे प्रयास किए है। नववर्ष पर जिले के सभी बार रेस्टोरेंट, होटल, बैंकेट हॉल व सोसाइटी में होने वाली शराब पार्टी के लिए विभाग की और से लाइसेंस लेने की अपील की कर रही है। जिसके लिए सभी के साथ पूर्व में बैठक कर लाइसेंस लेने की प्रक्रिया और संबंधित इंस्पेक्टर का नंबर भी दिया गया है। लोगों को जागरूकता ही अवैध शराब के सेवन पर रोक लगने के साथ विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही सभी इंस्पेक्टरों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि बिना लाइसेंस और बाहरी राज्यों का शराब अगर किसी भी बार रेस्टोरेंट और होटल में पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। अपनी कार्रवाई तेजी लाए। इस तरह का मामला अगर फिर से संज्ञान में आया तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। अवैध शराब के खिलाफ विभाग की कारवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।
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