सीए ज्ञानचंद मिश्रा की यह लगातार दूसरी बार केंद्रीय परिषद में जीत है, जो उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रोफेशनल क्षेत्र में उनके योगदान को साबित करती है। मिश्रा ने 2021 के केंद्रीय परिषद चुनाव में भी जीत दर्ज की थी, और इस बार उनकी जीत ने यह साबित कर दिया कि उनके नेतृत्व में प्रोफेशनल्स का समुदाय अधिक मजबूत और सशक्त हुआ है। उनके कार्यकाल में विभिन्न नई नीतियों और योजनाओं के लिए मंच तैयार हुआ, जो भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समुदाय को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा देने का कार्य करेंगी। सीए ज्ञानचंद मिश्रा की इस ऐतिहासिक जीत में टीम ज्ञान की बात के विभिन्न सदस्यों की अहम भूमिका रही।
विनोद पाण्डेय (उदय भूमि)
गाजियाबाद। भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के केंद्रीय परिषद चुनाव में केंद्रीय क्षेत्र से सीए ज्ञानचंद मिश्रा ने एक बार फिर से दूसरी बार जीत हासिल की है। यह चुनावी जीत उनके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है, क्योंकि अब वे 2025 से 2029 तक केंद्रीय परिषद के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। उनके इस ऐतिहासिक विजय पर गाजियाबाद में उनके समर्थकों द्वारा भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें चारों ओर उत्साह और खुशी का माहौल था। सीए ज्ञानचंद मिश्रा को जीत के बाद गाजियाबाद में उनका स्वागत बहुत ही धूमधाम से किया गया। उनके समर्थक और शुभचिंतक बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और ढोल-नगाड़ों की ध्वनि के बीच उन्हें फूलों की मालाओं से लाद दिया।
सीए ज्ञानचंद मिश्रा की यह लगातार दूसरी बार केंद्रीय परिषद में जीत है, जो उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रोफेशनल क्षेत्र में उनके योगदान को साबित करती है। मिश्रा ने 2021 के केंद्रीय परिषद चुनाव में भी जीत दर्ज की थी, और इस बार उनकी जीत ने यह साबित कर दिया कि उनके नेतृत्व में प्रोफेशनल्स का समुदाय अधिक मजबूत और सशक्त हुआ है। उनके कार्यकाल में विभिन्न नई नीतियों और योजनाओं के लिए मंच तैयार हुआ, जो भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समुदाय को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा देने का कार्य करेंगी। सीए ज्ञानचंद मिश्रा की इस ऐतिहासिक जीत में टीम ज्ञान की बात के विभिन्न सदस्यों की अहम भूमिका रही। विशेष रूप से सीए अंकुर तायल, सीए अमित तिवारी, सीए प्रवीण वर्मा, सीए कीर्ति कट्वाल, सीए संजय राय, सीए करण गर्ग, सीए विपुल बग्गा, सीए नकुल अरोड़ा, सीए राजीव वी डी गुप्ता, सीए अनिरुद्ध तिवारी और अन्य टीम सदस्य उनके इस संघर्ष में अभिन्न सहयोगी बने। इन सभी की कड़ी मेहनत, रणनीतिक सोच और लगातार प्रयासों ने इस सफलता को सुनिश्चित किया। टीम ज्ञान की बात ने पूरे केंद्रीय क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों, बैठकों, संवाद सत्रों और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से सीए ज्ञानचंद मिश्रा की नीतियों और विजन को साझा किया गया। उनका मुख्य उद्देश्य आईसीएआई को और अधिक पारदर्शी, समावेशी और विकासशील बनाना था।
अपनी जीत के बाद सीए ज्ञानचंद मिश्रा का कहना है कि यह जीत केवल मेरी नहीं, बल्कि मेरी पूरी टीम और मेरे समर्थकों की है। इस जीत के साथ हमें आईसीएआई को और मजबूत बनाने, पेशेवर समुदाय के लिए अधिक अवसर उत्पन्न करने, और भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत पहचान स्थापित करने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य आईसीएआई के भीतर न केवल नीतिगत सुधार करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि पेशेवरों को न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी अवसर मिलें। इसके अलावा, उनकी योजना है कि संस्थान के सभी कार्य और निर्णय पारदर्शिता के साथ किए जाएं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को पेशेवर तौर पर और ज्यादा सशक्त बनाया जाए।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए सीखना जरूरी है और सीखने के लिए सदैव एक सतत इच्छा होनी चाहिए। ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। अच्छे इंसान बनें क्योंकि अच्छे व्यक्ति ही बेहतर समाज का निर्माण करते हैं। सीए ज्ञानचंद मिश्रा का कार्यकाल 2025 से 2029 तक होगा। इस दौरान उनका लक्ष्य आईसीएआई के सदस्यों के लिए अधिक से अधिक शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर पैदा करना है। इसके साथ ही, वे संस्थान के नियमों और प्रक्रियाओं में सुधार लाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, ताकि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का समुदाय और ज्यादा सशक्त बन सके। उनकी इस विजयी यात्रा में टीम ‘ज्ञान की बात और उनके समर्थकों का योगदान अतुलनीय रहेगा।
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