विलेज विवर कंपनी के मालिक ने बताया
विलेज विवर कंपनी के मालिक विक्रम जैन ने लोकल 18 ने बातचीत में बताया कि मिर्जापुर क्षेत्र में आज से नहीं 50 सालों से सबसे ज्यादा पंजा दरी का प्रोडक्शन होता है. खासकर, मिर्ज़ापुर में तैयार पंजा दरी की डिमांड सबसे अधिक है. हैंड नॉटेड कालीन में एक इंच की पाइल होती है. जबकि पंजा दरी में पाइल नहीं होती है. पंजा दरी को हैंड नॉटेड कालीन की तरह बुना जाता है. यह विश्वभर में प्रसिद्ध है.
बता दें कि पंजा दरी में सभी डिजाइन उपलब्ध होती है. आसानी से सफाई के साथ ही वजन कम होने से इधर-उधर ले जाने में कोई दिक्कत नहीं है. अमेरिका, ब्रिटेन, चिली, जापान, रूस सहित अन्य देशों में इसकी डिमांड है. यूरोप में सबसे इसकी मांग रहती है, क्योकि वहां पर छोटी कालीन लोगों को ज्यादा पसंद है.
साइज पर निर्भर रहता है दाम
विक्रम जैन ने बताया कि पंजा दरी का दाम साइज पर निर्भर रहता है. कलर के साथ ही हर देश में अलग-अलग डिजाइन के अनुसार इसे तैयार किया जाता है. एक हजार से 10 हजार मीटर तक इसका दाम रहता है. कॉटन पर पंजा दरी की बुनाई होती है. कारीगर गट्टी बांधकर बुनाई करते हैं. कुशल कारीगर ही इसे तैयार कर सकते हैं. भदोही में कार्पेट तैयार किया जाता है. जबकि मिर्जापुर की पहचान पंजा कालीन के लिए हैं.
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