जानें कैसे बनती हैं गुड़ वाली पट्टी
देखने में तो यह साधारण गुड़ वाली पट्टी लगती है, लेकिन इसको बनाने में बहुत मेहनत लगती है. सबसे पहले इसको चाशनी के रूप में तब्दील किया जाता है. फिर इसके बाद इसको फेटा जाता है, जिसके बाद इसके ऊपर बेलाई होती है. फिर इसमें केवड़ा मिलाकर इसके ऊपर चने की दाल के दोनों ओर हाथ से लगाया जाता है. इस पूरे काम में किसी भी तरह की मशीन का प्रयोग नहीं होता है.
यहां की है सबसे पुरानी गुड़ पट्टी
गुड़ वाली पट्टियों में सबसे पुरानी यही पट्टी मानी जाती है. वहीं, इसका नाम भी बहुत साधारण सा है. इसको गुड़-दाल पट्टी के नाम से जाना जाता है.
क्या रहता रेट
गुड वाली पट्टियों में आज भी यह पट्टी सबसे ज्यादा बिकती है. वहीं, इसके रेट की बात की जाए तो 100 रुपए प्रति किलो इसका रेट रहता है.
जानें क्या बोले दुकानदार
दुकानदार सक्षम वैश्य बताते हैं कि करीब 100 साल से उनके यहां मीठा बनाने का काम चल रहा है. सबसे पुराना उनका गट्टे का कारोबार है. उसके बाद अगर सबसे पुरानी पट्टी का काम कहा जाए तो यह गुड़ दाल वाली पट्टी है. 50 साल से ज्यादा समय से यहां पर बनाई जा रही है. इसका टेस्ट भी सबसे ज्यादा लोगों को पसंद आता है.
Tags: Food, Food 18, Kannauj news, Local18, UP news
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||