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परिवहन विभाग का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा एक महीने पहले चीन गया था। जांच एजेंसियां ये पता लगा रही हैं कि पिछले सालों में उसने किन-किन देशों की यात्राएं की हैं। बाहर के देशों से उसका क्या कनेक्शन या वहां क्या इन्वेस्टमेंट है। लोकायुक्त ने जब सौरभ के

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अरेरा कॉलोनी स्थित उसके मकान से जांच के दौरान अमेरिका, सिंगापुर समेत चार देशों की करेंसी मिली है। जांच एजेंसियां इनकी कीमत का मूल्यांकन कर रही हैं। इसी मकान से 10 लाख रु. कीमत वाली रोलेक्स की घड़ियां भी बरामद हुई हैं।

भास्कर से बात करते हुए लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने स्वीकार किया कि सौरभ के ठिकानों से 4 देशों की विदेशी मुद्रा मिली है। इसके अलावा ये भी सामने आ रहा है कि परिवहन विभाग में नौकरी पाने के लिए सौरभ और उसकी मां दोनों ने झूठे शपथ पत्र (एफिडेविट) पेश किए थे।

सौरभ की मां उमा शर्मा का शपथ पत्र।

लोकायुक्त पुलिस ने परिवहन विभाग से मांगी जानकारी लोकायुक्त की टीम ने ग्वालियर पहुंचकर परिवहन मुख्यालय से उसकी नियुक्ति की पूरी फाइल भी मांगी है। इससे ये पता करने की कोशिश की जा रही है कि किन–किन अफसरों की सिफारिश पर सौरभ की नियुक्ति हुई थी। नौकरी के लिए पेश किए झूठे शपथ पत्र भी सामने आए हैं।

इसमें सौरभ की मां उमा शर्मा के हवाले से कहा गया है कि उनके परिवार का कोई दूसरा सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। जबकि उसका भाई सचिन शर्मा 2013 में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास कर वित्त विभाग में पोस्टेड है।

12 जुलाई 2016 को सौरभ की मां उमा शर्मा के दिए शपथ पत्र में उल्लेख है कि उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा सचिन अपने परिवार के साथ रायपुर में रहता है। वह सरकारी नौकरी में नहीं है। मैं ग्वालियर में छोटे बेटे सौरभ के पास रहती हैं। वह ही उनकी देखभाल करता है, इसलिए सौरभ को ही पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

झूठा शपथ पत्र देने पर धोखाधड़ी का केस हो सकता है 12 जनवरी 2016 को बने शपथपत्र में सौरभ ने लिखा है कि उनके पिता का निधन 20 नवंबर 2015 को हुआ है। उसने ये भी लिखा है कि उसके पिता के आश्रितों में कोई भी सरकारी या प्राइवेट नौकरी में नहीं है। जांच अधिकारियों का कहना है कि सौरभ के खिलाफ अभी भ्रष्टाचार का केस दर्ज है।

अब इन शपथ पत्रों की जांच के बाद ये उसके खिलाफ गलत प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल करने के आरोप में धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया जा सकता है। सौरभ की मां उमा शर्मा और सौरभ शर्मा दोनों को आरोपी बनाया जा सकता है।

सौरभ शर्मा का शपथ पत्र ।

ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने जारी किया लुकआउट सर्कुलर सौरभ पत्नी के साथ दुबई भी जाता रहा है। उसके घर से अमेरिकी डॉलर भी मिले हैं। जांच एजेंसियां ये मान रही है कि सौरभ ने अमेरिका समेत दूसरे देशों की यात्राएं की हैं। यही वजह है कि इनकम टैक्स की जांच में सौरभ के खिलाफ ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने 25 दिसंबर को लुकआउट नोटिस जारी किया है।

लुकआउट सर्कुलर का मतलब ये है कि देश छोड़ने या दूसरे देश से आने के दौरान सौरभ एयरपोर्ट पर पकड़ा जाएगा। इस नोटिस में सौरभ की पूरी जानकारी देते हुए उसकी 3 पहचान बताई गई है। देश से बाहर जाने या देश में आने की स्थिति में एयरपोर्ट अथॉरिटी अलर्ट रहेंगी। वहां उसे पहचानना आसान होगा।

दरअसल, इनकम टैक्स ने सौरभ के दोस्त चेतन सिंह गौर के नाम दर्ज एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए नगद बरामद किए हैं। इनकम टैक्स सौरभ से ये जानना चाहता है कि ये सोना और पैसा किसका है? कहां से आया है?

भोपाल के मेंडोरी इलाके में 19 दिसंबर को जंगल में लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे

डांस एकेडमी से करीब आए थे सौरभ और दिव्या 2016 में ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल बनने से पहले सौरभ ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित अपने मकान में थंप डांस एकेडमी और फिटनेस सेंटर चलाता था। इसी इलाके में दिव्या भी डांस एकेडमी चलाती थी। दिव्या कोरियोग्राफर रही है। शहर में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान सौरभ और दिव्या संपर्क में आए। दोनों शुरू से ही बहुत महत्वाकांक्षी रहे हैं।

दिव्या शहर में होने वाले आयोजनों के दौरान मीडिया की सुर्खियों में रहती थी। उसने ग्वालियर में कई सेलिब्रिटी के कार्यक्रम भी करवाए हैं। 2016 में सौरभ के परिवहन आरक्षक बनने के बाद थंप स्टूडियो का पूरा मैनेजमेंट दिव्या के पास आ गया। इस दौरान यहां कई कार्यक्रम हुए।

परिवहन आरक्षक से पहले सौरभ और पत्नी दिव्या दोनों डांस स्कूल चलाते थे।

रुतबा बढ़ा तो ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हुआ सौरभ साल 2019 तक तो सौरभ की पोस्टिंग ग्वालियर में ही रही, लेकिन इसके बाद जैसे–जैसे सौरभ का रुतबा बढ़ा तो थंप स्टूडियो को किसी और को 25 हजार रुपए महीने के किराए पर दे दिया गया। सौरभ परिवार समेत भोपाल शिफ्ट हो गया।

2022 में शाहपुरा में एनजीओ की जमीन पर स्कूल बनाने का प्रोजेक्ट सौरभ ने अपनी पत्नी दिव्या के लिए सोचा था। सौरभ ने इस जमीन पर जयपुरिया स्कूल का प्रोजेक्ट शुरू किया। इस स्कूल में उसने पत्नी दिव्या को डायरेक्टर बनाया है। दिव्या चाहती थी कि उसे किसी इंस्टीट्यूशन को लीड करने का मौका मिले।

अपने स्कूल के इंटीरियर के लिए चीन गया था सूत्रों का कहना है कि शाहपुरा में वह जो स्कूल बना रहा है उसका फर्नीचर और इंटीरियर के लिए उसने चीन की किसी कंपनी को ऑर्डर दिया है। इस ऑर्डर को फाइनल करने के लिए वह चीन गया था। सौरभ के घर पर पड़े छापे के बाद भास्कर ने जब उसके स्कूल की पड़ताल की तो पाया कि बिल्डिंग के निर्माण का काम तेजी से जारी है।

बिल्डिंग में 50 से ज्यादा मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं। इन्हीं लोगों ने बताया कि सारे काम के टेंडर पहले ही हो चुके हैं। कौन सा मटेरियल कहां से आएगा, ये भी तय हो चुका है। सौरभ 2025 सेशन से ही स्कूल शुरू करने की तैयारी में था। एडमिशन और टीचिंग से जुड़ी जानकारी के लिए ही उसने अरेरा कॉलोनी में कंसल्टेशन ऑफिस शुरू किया था।

हालांकि, इस स्कूल की बिल्डिंग को लेकर शाहपुरा हाउस ओनर्स एसोसिएशन की आपत्ति है।

स्कूल की वेबसाइट पर भोपाल ब्रांच बंद की गई भोपाल के शाहपुरा में जिस जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी के लिए सौरभ करीब 65 हजार वर्गफीट का कंस्ट्रक्शन करा रहा है, उसके प्रबंधन ने भोपाल ब्रांच की स्कूल वेबसाइट को बंद कर दिया है। पहले इसी वेबसाइट पर सौरभ की मां उमा शर्मा को स्कूल की चेयरपर्सन और पत्नी दिव्या को स्कूल की डायरेक्टर बताया गया था। बाकायदा उनके नाम से वेबसाइट पर मैसेज भी डिस्प्ले किया गया था।

स्कूल की वेबसाइट बंद होने से पहले मां को चेयरपर्सन और पत्नी को डायरेक्टर बताया गया ।

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