इसरो चीफ एस सोमनाथ ने एनडीटीवी को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि ‘मेरा मानना है कि यह साल हमारे द्वारा पूरे किए गए मिशनों और प्रधानमंत्री के नजरिये के आधार पर अपने लिए तय भविष्य के रोडमैप के बारे में हमारे लिए बहुत शानदार साल रहा है. अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में पहली बार, हमने अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप की घोषणा की है.’ इस रोडमैप के हिस्से के रूप में, भारत 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है. इसका एक पहला कदम 2028 में एक अंतरिक्ष स्टेशन मॉड्यूल का लॉन्च होगा, जो 2035 तक इसके पूर्ण परिचालन तैनाती के लिए मंच तैयार करेगा.
2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री की लैंडिंग
इस विजन की अंतिम परिणति 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की योजनाबद्ध लैंडिंग है. डॉ. सोमनाथ ने बताया कि ‘जब हम अपनी आजादी के 100वें वर्ष का जश्न मनाएंगे, तो चंद्रमा पर एक भारतीय ध्वज लहराएगा, जिसमें हमारा अंतरिक्ष यात्री जाएगा, उसे वापस रखेगा और सुरक्षित वापस आएगा. इसका लक्ष्य 2040 है.’ इससे पहले, चंद्रयान-4, एक चंद्र नमूना वापसी मिशन सहित कई तैयारी मिशन आयोजित किए जाएंगे, जिसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
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बनेगा कई बार उपयोग होने वाला रॉकेट
मानव अंतरिक्ष यान और चंद्र मिशनों को पूरा करने में सक्षम एक फिर उपयोगी, ग्रीन और मॉड्यूलर रॉकेट के विकास को मंजूरी दे दी गई है. यह भविष्य के लिए तैयार रॉकेट भारत की विस्तारित पेलोड जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. अंतरिक्ष पर खर्च किए गए हर एक रुपये के बदले भारत को कथित तौर पर 2.52 रुपये का रिटर्न मिला है. डॉ. सोमनाथ ने कहा कि शुक्र ग्रह के लिए एक खोजी मिशन को भी मंज़ूरी मिल गई है.
Tags: ISRO satellite launch, Isro sriharikota location
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