पूर्व कॉन्स्टेबल की ग्वालियर के बहोड़ापुर स्थित कोठी।
भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके दोस्त चेतन गौर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार देर रात मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। जांच का दायरा आगे बढ़ने के साथ उसके सहयोगी और राजदार भी बेनकाब हो रहे हैं।
सौरभ का साथ देने वालों में अब तक उसकी मां, पत्नी, साला, दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल के नाम सामने आ चुके हैं। अब इसमें 6वें किरदार सौरभ के जीजा रोहित तिवारी की एंट्री हो गई है।
बताया जा रहा है कि सौरभ ने भोपाल समेत कई शहरों में जीजा के साथ साझेदारी में कई प्रॉपर्टी खरीदी। जबलपुर में जिस बंगले में सौरभ रह रहा था, वह जीजा के नाम से खरीदा गया था।
जब्त दस्तावेजों में ग्वालियर-इंदौर में भी प्रॉपर्टी के सबूत मिले हैं। इसमें इंदौर के होटल रेडिसन के सामने स्थित सौरभ का होटल भी शामिल है। इस होटल का संचालन शरद जायसवाल करता था। लेकिन, इसके असल मालिक सौरभ और रोहित है।
लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारा था।
छापे के बाद से अंडरग्राउंड हो गया जीजा सौरभ के यहां छापे के बाद से उसका जीजा अंडरग्राउंड हो गया है। उसने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया है। यही नहीं सौरभ की पत्नी दिव्या और साले शुभम तिवारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कई पोस्ट डिलीट कर दिए हैं। सौरभ के कारोबार में पत्नी दिव्या के साथ ही जीजा रोहित भी कई काम संभालता है। पत्नी दिव्या का भोपाल में फिटनेस क्लब भी है, जिसका संचालन वही देखती थी। सौरभ के करीबी चेतन सिंह की कार में सोना-नकदी मिलने के बाद उसके ससुराल के लोग भी सतर्क हो गए थे।
दोस्तों और रिश्तेदारों को सौंपे थे बिजनेस सौरभ ने दोस्तों और रिश्तेदारों को अलग-अलग बिजनेस सौंप रखे हैं। होटल का संचालन रोहित और शरद करते थे। इसी प्रकार भोपाल के चूनाभट्टी चौराहे पर फगीटो नाम से रेस्टोरेंट का संचालन भी यही दोनों संभाला करते थे। छापों के बाद सौरभ के अधिकांश दोस्त घर और नौकरी से गायब हैं। इसी प्रकार ग्वालियर में रहने वाले उसके रिश्तेदार भी अंडरग्राउंड हो चुके हैं।
पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की ग्वालियर के बहोड़ापुर स्थित कोठी।
ग्वालियर में ढाई से 3 करोड़ की आलीशान कोठी इस बीच दैनिक भास्कर की टीम ग्वालियर के बहोड़ापुर में मानसिक आरोग्यशाला के पास सौरभ की आलीशान कोठी तक पहुंची है। इसकी कीमत करीब ढाई से 3 करोड़ रुपए है। यहां उसके पिता आरके शर्मा का नाम लिखा हुआ है। फिलहाल इस कोठी में कोई नहीं है। ताला तो नहीं लगा है, लेकिन चौकीदार ही खड़ा दिखाई दे रहा है।
छापे के बाद से साला भी गायब ग्वालियर के थाटीपुर सुरेश नगर में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का ससुराल है। यहां साला शुभम तिवारी अपने पूरे परिवार के साथ रहता है। सौरभ पर कार्रवाई के बाद से वह भी गायब हो गया है। उसके घर पर सिर्फ महिलाएं हैं और वे किसी से बातचीत भी नहीं कर रही हैं।
अरेरा कॉलोनी में बना रहा था स्कूल अरेरा कॉलोनी में प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि 2020 में सौरभ एक संपत्ति उनके माध्यम से खरीद चुका था। बीते एक साल से जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी पर स्कूल खोलने के लिए सौरभ की मां उससे संपर्क में थीं। उन्होंने करीब 23 संपत्तियों को देखा, लेकिन फाइनल नहीं किया। बाद में अन्य ब्रोकर के माध्यम से ई-7 में बंगले का सौदा स्कूल खोलने के लिए किया था। जिसमें लगभग 10 माह से काम चल रहा है।
आलीशान बंगले में रहता है जायसवाल सौरभ का प्रमुख सहयोगी शरद जायसवाल रेलवे सोसाइटी शाहपुरा में एक आलीशान बंगले में रहता है। लग्जरी कारों से घूमता है। उसका ताल्लुक भी ग्वालियर से ही है। सौरभ ने उसके नाम से भी कई कारोबार कर रखे हैं।
लोकायुक्त हवाला के एंगल पर कर रही जांच सौरभ के घर और ऑफिस में मिले कैश को देखते हुए लोकायुक्त की टीम को उसके हवाला नेटवर्क से जुड़े होने का शक है। लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि ‘हवाला के एंगल पर भी जांच कर रहे हैं।’
वहीं, अब आयकर विभाग भी सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करेगा। विभाग ने 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश इनोवा कार से जब्त किए जाने के बाद कार मालिक चेतन सिंह गौर से पूछताछ के बाद उसे भी नोटिस जारी करने का फैसला किया है।
गौर के बयान के बाद आयकर विभाग सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी शरद जायसवाल को नोटिस देगा। सौरभ लोकायुक्त की कार्रवाई से पहले ही पत्नी दिव्या के साथ दुबई फरार हो गया था। तब से वहीं है। अब विदेश मंत्रालय के जरिए सौरभ के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी है।
इधर, आयकर विभाग उन ज्वेलर्स की भी तलाश कर रहा है, जिनसे ज्वेलरी समेत अन्य कीमती धातु खरीदी गई हैं। इनमें भोपाल के एक ज्वेलर्स का नाम सामने आया है। साथ ही सौरभ शर्मा की मां और अन्य परिजनों को भोपाल के चूनाभट्टी स्थित एक रेस्टोरेंट के मामले में नोटिस जारी किया जाएगा।
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कार में मिला 52kg गोल्ड विदेश से लाने की आशंका
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की बेहिसाबी संपत्ति के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो गई है। ईडी सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत जांच शुरू करने की तैयारी में है। पूरी खबर यहां पढ़ें-
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ सहित 4 को समन, जांच के लिए टीम गठित भोपाल में आरटीओ के जिस पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के घर लोकायुक्त की टीम ने छापा मारा उसके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उसके साथी चेतन सिंह को भी आरोपी बनाया है। लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा समेत पांच लोगों को समन जारी किए हैं जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई है। पढ़ें पूरी खबर
NGO की जमीन पर स्कूल बना रहा सौरभ शर्मा, फ्रेंचाइजी में सचिव है चेतन
लोकायुक्त और इनकम टैक्स के छापों में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। सौरभ शर्मा के ठिकानों से 235 किलो चांदी सहित कुल 8 करोड़ के नकदी और आभूषण मिले हैं। ये भी पता चला है कि सौरभ जल्द ही शाहपुरा के बी सेक्टर में जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी खोलने वाला था। चेतन सिंह गौर जयपुरिया स्कूल की समिति में सचिव है। पूरी खबर पढ़ें
सौरभ शर्मा के स्कूल का पदाधिकारी निकला 52 किलो सोने से भरी कार का मालिक
भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त की छापेमारी में अब तक 7.98 करोड़ रुपए मूल्य का सामान बरामद हुआ है। इसी के साथ, मेंडोरी के जंगल में बरामद 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद के साथ जो कार पकड़ी गई थी, उसका मालिक सौरभ शर्मा का साझेदार है। यह जानकारी लोकायुक्त की जांच में सामने आई है। पूरी खबर पढ़ें
52 किलो सोना, 11 करोड़ कैश का कनेक्शन, कार मालिक चेतन ने खोले राज
भोपाल के मेंडोरी इलाके में गुरुवार रात को जंगल में लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे। इस मामले में आयकर विभाग की जांच अब आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की ओर घूम गई है। इतनी मोटी रकम और गोल्ड मिलने के मामले में एमपी का परिवहन विभाग भी जांच घेरे में आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें
7 साल में करोड़पति बने कॉन्स्टेबल की इनसाइड स्टोरी
मेंडोरी के जंगल में इनोवा कार से 52 किलो सोने और 11 करोड़ रुपए कैश के साथ आईटी को लावारिस हालत में मिली थी। इस कार के साथ चेतन का एक फोटो भी सामने आया है।
दैनिक भास्कर ने जब एक मामूली से परिवहन कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के पूरे करियर की परिवहन विभाग के सीनियर अफसरों से बात कर पड़ताल की, तो पता चला कि नौकरी लगने से लेकर उसके इस्तीफा होने तक की पूरी स्टोरी में सरकार की बड़ी कृपा रही है। कहने को वह एक कॉन्स्टेबल था, लेकिन मंत्री और अफसरों का सबसे चहेता था। पूरी खबर पढ़ें
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