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When India Will Be A Developed Country: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को एक विकसित मुल्क बनाने का लक्ष्य तय किया है. इस बीच रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि जिस गति से इस वक्त अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, अगर आने वाले समय में वही रफ्तार रहती है तो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि एक विकसित मुल्क में आखिर वो कौन-कौन सी चीज होती हैं जिसे हम हासिल करने चाहते हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वर्तमान में भारत पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

विकसित देश क्या है?
एक विकसित देश वह होता है जिसकी अर्थव्यवस्था परिपक्व और सुसंगठित होती है. ऐसे देशों में आमतौर पर विकास की दर वर्तमान में उतनी तेज नहीं होती, लेकिन उन्होंने अतीत में तेज विकास दिखाया होता है. विकसित देशों में उन्नत तकनीकी आधारभूत संरचना (Infrastructure) होती है. वहां औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में विविधता होती है. उनके नागरिकों को सामान्यतः उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा प्राप्त होती है.

एक देश को विकसित कैसे माना जाता है?
किसी देश को विकसित देश मानने के लिए कई कारकों को देखा जाता है. इसके आर्थिक कारकों में प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिकीकरण का स्तर, जीवन स्तर और तकनीकी आधारभूत संरचना शामिल हैं. इसके अलावा, गैर-आर्थिक कारक भी होते हैं, जैसे मानव विकास सूचकांक. ये सूचकांक शिक्षा, स्वास्थ्य और साक्षरता जैसे कई मानकों पर आधारित होता है.

प्रति व्यक्ति आय
विकसित देश के स्तर का निर्धारण करने के लिए मुख्य रूप से प्रति व्यक्ति आय को एक प्रमुख मानक माना जाता है. यह देश के सकल घरेलू उत्पाद को उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित करके निकाला जाता है. यह दर्शाता है कि उस देश का नागरिक एक वर्ष में औसतन कितनी आय अर्जित कर सकता है. कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं कि 12,000 से 15,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय पर्याप्त होती है, जबकि अन्य इसे 25,000 या 30,000 डॉलर सालाना से अधिक मानते हैं. विश्व बैंक के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,400 डॉलर है, जबकि अमेरिका और चीन की प्रति व्यक्ति आय क्रमशः 76,400 डॉलर और 12,700 डॉलर है.

जीवन स्तर और अन्य मापदंड
कुछ देशों के लिए जिनका प्रति व्यक्ति आय के आधार पर निर्धारण करना कठिन होता है, अर्थशास्त्री जीवन स्तर को मापदंड के रूप में इस्तेमाल करते हैं. अधिकांश विकसित देशों में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर शिशु मृत्यु दर 10 से कम होती है और जीवन प्रत्याशा 75 वर्षों से अधिक होती है. कतर का उदाहरण देखिए. कतर की प्रति व्यक्ति आय 88,000 डॉलर है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. लेकिन कतर को विकसित देश नहीं माना जाता क्योंकि वहां आय में भारी असमानता है और नागरिकों को शिक्षा के अवसर नहीं मिलते हैं.

मानव विकास सूचकांक
संयुक्त राष्ट्र का मानव विकास सूचकांक तीन प्रमुख कारकों पर आधारित है. ये हैं साक्षरता दर, शिक्षा का स्तर और स्वास्थ्य की स्थिति. देशों को इन तीन मापदंडों के आधार पर 0 से 1 के बीच स्कोर मिलता है. एक देश को विकसित माना जाता है यदि उसका एचडीआई स्कोर 0.8 से ऊपर हो. हालांकि, भारत का एचडीआई स्कोर 0.633 है और वह 192 देशों की सूची में 132वें स्थान पर है.

कौन एशियाई देश विकसित?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान, कोरिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ताइवान को विकसित देशों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. वहीं उभरते या विकासशील देशों में चीन, भारत, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों के नाम शामिल हैं.

Tags: America News, European union

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