-एक क्लीक पर मिलेगी आवंटियों पर उनकी संपत्तियों की किस्त बकाया, नामांतरण की स्थिति से लेकर अन्य जानकारी
-1.50 लाख से अधिक बैकलॉग प्रॉपर्टी की यूनिट आईडी जनरेट कर सिस्टम से होगा लिंक
गाजियाबाद। अगर सब कुछ सामान्य रहा,तो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) संपत्तियों की आवंटियों को भी यूनिक आईडी से घर बैठे जानकारी मिल सकेगी। इस यूनिक आईडी से अपनी प्रॉपर्टी से जुड़ी हुई जानकारी मिल सकेगी। आवंटियों पर उनकी संपत्तियों की कितनी किस्त बकाया है, नामांतरण की स्थिति से लेकर अन्य जानकारी मिल सकेगी। शनिवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की अध्यक्षता में उनके ऑफिस में प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) को जीडीए में लागू करने के लिए एचडीएफसी बैंक द्वारा नामित कंप्यूटर केंद्र आगरा के प्रतिनिधि जीपी अग्रवाल व उनकी टीम ने प्रजेंटेशन दिया। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि जीडीए की संपत्तियों की पूर्णत: जानकारी रहे। इसलिए पीएमएस सिस्टम को लागू करने की प्लानिंग की गई हैं। उन्होंने बताया कि जीडीए की संपत्तियों की बिक्री, खरीद, नाम दर्ज और अन्य संबंधित मामलों को आसान बनाने के लिए एक क्लिक पर संपत्ति से संबंधित सभी जानकारी एवं संपत्तियों को क्रय व विक्रय करने व नाम दर्ज आदि की कार्रवाई करने के लिए जनहित में उपलब्ध कराने के लिए पीएमएस सिस्टम को जीडीए में लागू किया जाना है।
प्रजेंटेशन के दौरान अपर सचिव, संयुक्त सचिव, ओएसडी-प्रथम के साथ जीडीए की टेक्निकल टीम एवं स्टाफ उपस्थित रहा। प्रजेंटेशन के दौरान जीडीए संपत्तियों के साथ प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत सर्वर,बेव एप्लीकेशन,यूजर एक्सेपटेंस टेस्ट,ई-लॉटरी मैनेजमेंट सिस्टम,रजिस्ट्रेशन फार्म का प्रारूप, बैंक डिटेल्स डॉक्यूमेंटेशन, पेमेंट सिस्टम, चालान मैनेजमेंट सिस्टम, वित्तीय डेसबोर्ड आदि का विस्तृत विवरण दिया गया। इसके तहत पहले फेस में नई संपत्तियों की क्रय-विक्रय, नाम दर्ज, नोड्यूज आदि को शामिल किया जाएगा। जबकि दूसरे फेस में लीगेसी डाटा को भी सिस्टम पर अपडेड किया जाएगा। क्लाउड कंप्यूटरिंग एक ब्लॉक चैन प्रबंधन है, इसी का उपयोग करते हुए प्रॉपर्टी मैेनेजमेंट सिस्टम से प्रत्येक प्रॉपर्टी का एक यूनिक आईडी होगा। जो लॉगिन आईडी के रूप में कार्य करेगा। इसका पासवर्ड आवंटियों के पास होगा। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि जीडीए की बेवसाईट पर लॉगिंन कर संपत्ति धारक उस प्रॉपर्टी की सभी जानकारी जैसे मूल आवंटी सहित सभी क्रेताओं का विवरण, भुगतान का विवरण, रजिस्ट्री, कब्जे की तारीख, बकाया आदि प्राप्त कर सकेगा।
इसके लिए आवंटियों को जीडीए के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसमें महत्वपूर्ण यह है कि ऑटो रिशिड्यूलिंग ऑफलाइन के माध्यम से एक जटिल और अत्यधिक समय लगने वाली प्रक्रिया है। इसको आसान बनाते हुए ऑटोमेटिक माध्यम से पेमेंट शिड्यूल तय हो सकेगा। इसके अलावा पारदर्शिता एवं सुंगमता पूर्वक जानकारी के साथ-साथ धोखाधड़ी से बचने के लिए भी आवंटी,संपत्ति धारक को प्राप्त होगा। जीडीए की सभी संपत्तियों का आवंटियों को विवरण आसान एवं समयबद्ध तरीके के बिना किसी व्यक्ति के हस्तक्षेप के संबंधित अधिकारी को प्राप्त हो सकेगा। जिसमें संपत्तियों का निस्तारण, भुगतान से प्राप्त धनराशि, रिशिड्यूलिंग ऑफ पेमेंट,नो-ड्यूज,अनिस्तारित संपत्ति व अन्य सभी रिकॉर्ड की निगरानी आसानी से ऑनलाइन माध्यम से की जा सकेगी।
जीडीए उपाध्यक्ष ने प्रजेंटेशन के बाद निर्देशित किया कि पीएमएस सिस्टम को लागू कराने के लिए आगामी जीडीए बोर्ड बैठक तक इसे अंतिम रूप देते हुए जीडीए चेयरमैन से इसका शुभारंभ कराया जाए। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि नए साल में 15 जनवरी तक इस सिस्टम को लांच किया जाएगा। आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रजेंटेशन किया जाएगा। इसके बाद मेरठ मंडल की मंडलायुक्त के माध्यम से इसका उद्घाटन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इस सिस्टम को नए प्रापर्टी पर लागू किया जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे करके एक साल के भीतर ही 1.50 लाख से अधिक बैकलॉग प्रॉपर्टी की यूनिट आईडी जनरेट कर इस सिस्टम से लिंक कर दिया जाएगा।
दावा है कि इस सिस्टम के लांच होने के बाद भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। बाबुओं का हस्तक्षेप भी बहुत हद तक खत्म हो जाएगा। मालूम हो कि इस सिस्टम को बनवाने में जीडीए की तरफ से कोई पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है। एचडीएफसी बैंक के सीएसआर फंड से इस सिस्टम को तैयार किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम में आवंटी को जब उसकी प्रॉपर्टी की यूनिक आईडी मिल जाएगी। तो वह उस आईडी के माध्यम से अपने पासवर्ड से अपनी प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल देख सकेगा।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||