दिल्ली पुलिस बीते एक साल से आईजीआई एयरपोर्ट फर्जी एजेंट के रैकेट पर लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते एक साल में दिल्ली पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पर एक से बढ़कर एक ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इसी के तहत दिल्ली की आईजीआई पुलिस ने एक ऐसे मामले का पर्दाफाश किया है, जिसका गुनहगार बीते 7 साल से पुलिस को चकमा दे रहा था. लेकिन, गुरुवार को आखिरकर पुलिस ने उस शख्स को यूपी की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार कर ही लिया है.
सात साल से फरार शख्स को IGI पुलिस ने गिरफ्तार किया
यूपी के शामली का रहने वाला 43 साल का इकराम उर्फ इकरामू पर साल 2018 में दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इकराम पर आरोप था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर यात्रियों के पासपोर्ट पर फर्जी यूएई वीजा की व्यवस्था की थी. दिल्ली पुलिस के एफआईआऱ में कहा गया है कि 8 और 9 दिसंबर 2017 की मध्यरात्रि को एक भारतीय पुरुष यात्री नसीम को इकराम ने फर्जी वीजा पर यूएई भेजा था. लेकिन, यूएई में फर्जी वीजा के संदेह में उसे वापस भारत भेज दिया गया. जब वह आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचा तो इमिग्रेशन क्लीयरेंस और उसके निर्वासन के कागजात की जांच करने पर उसके पासपोर्ट पर एक नकली यूएई पर्यटक वीजा चिपका हुआ पाया गया.
मुस्लिम शख्स को भेज दिया था यूएई
दिल्ली पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पर नसीम को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसके कुछ रिश्तेदार बेहतर आजीविका के लिए विदेश गए थे, इसलिए उसने भी जल्दी पैसे कमाने के लिए किसी दूसरे देश में जाने का फैसला किया. इसके बाद वह अपने एक दोस्त के माध्यम से मोहम्मद आदिल नामक एक एजेंट से मिला. एजेंट मोहम्मद आदिल ने उसे 1.6 लाख रुपये के बदले अपने सहयोगियों की मदद से यूएई की यात्रा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया. सके बाद उसने अपना पासपोर्ट एजेंट को दे दिया और कुछ दिनों के बाद, एजेंट मोहम्मद आदिल ने उसका पासपोर्ट यूएई पर्यटक वीजा सहित लौटा दिया. लेकिन, यूएई एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन क्लीयरेंस के दौरान, उसे इमिग्रेशन स्टाफ ने पकड़ लिया और वापस भारत भेज दिया.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की तो एक के बाद एक राज खुलने लगे. पहले इस मामले से जुड़े एक एजेंट मोहम्मद आदिल को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया गया. फिर मोहम्मद मदीद को सहारनपुर यूपी से गिरफ्तार किया गया. इन गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ में इस गिरोह का मास्टर माइंड एजेंट इकरामू का नाम सामने आया. दिल्ली पुलिस बीते कई सालों से उसके ठिकानों पर छापे मार रही थी लेकिन वह हार बार चकमा देखर फरार हो जाता था. लेकिन, आखिरकर वह अब दिल्ली पुलिस के चंगूल में आ गया. पूलिस की पूछताछ में इकराम ने अपना अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि वह जल्दी पैसा कमाने के लिए कमीशन के आधार पर कुछ अन्य एजेंटों के साथ काम कर रहा था और वे लोगों को विदेश भेजने और वहां नौकरी के अवसर प्रदान करने के बहाने ठगते थे.
Tags: Delhi Crime News, IGI airport
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